ह्रदय रोग के आयुर्वेदिक उपचार

Heart Disease Treatment in hindi

अनियमित खानपान और लाइफस्टाइल, नींद की कमी,अत्यधिक तनाव जैसी समस्याएं ह्रदय रोग के प्रमुख कारण है।

हार्ट के रोगी को ऐसा कोई भी भोजन करने से बचना चाहिए जो शरीर मे कफ की वर्द्धि करता हो।

प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थो के अत्यधिक सेवन करने से कोलेस्ट्रोल की उत्पत्ति होती है। जो रक्त वाहिकाओं के शिराओं में जमा होकर रक्त के प्रवाह में बाधा उत्पन्न करता करता है।

ह्रदय रोग से बचने के लिए आयुर्वेद के अनुसार बहुत से घरेलु टिप्स और नुस्खे है जिनको अपनी नियमित दिनचर्या में आजमाकर इस रोग से बचा जा सकता है

हार्ट ब्लॉकेज के कई लक्षण है। जैसे बार बार सिर में दर्द होना, चक्कर आना बेहोशी होना, सांस का फूलना, अधिक पसीना आना, छाती में भारीपन व दर्द होना, चलने व सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलना, थकान अधिक होना, गर्दन बाजू व पीठ में दर्द होना, कमजोरी व ठंड लगना नींद ज्यादा आना आदि।

हार्ट ब्लॉकेज के उपचार के लिए दालचीनी एक बहुत ही कारगर औषधि है। यह खराब कोलेस्ट्रोल को कम करती है। व ब्लड को पतला करके हृदय को मजबूती प्रदान करती है।

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