सहजन के फायदे और नुकसान | Moringa benefits and side effects in hindi

मोरिंगा के फायदे और औषधीय गुण : Drumstick tree Moringa benefits in hindi

स्वास्थ्य के लिए सहजन के फायदे Moringa benefits अनगिनत है इसका पूरा वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है आयुर्वेद में सहजन को अमृत माना गया है सहजन के सभी हिस्सों में अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने के गुण होते हैं। इसलिए हर किसी को सहजन के फायदे यानि Moringa benefits के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है।

निरोगी हेल्थ के इस आर्टिकल में सहजन के औषधीय गुण, सहजन के फायदे (Moringa benefits), सहजन में पौषक तत्व, पुरुषों के लिए सहजन के लाभ, सहजन का सेवन कैसे करें, सहजन के नुकसान (side effects of moringa) क्या है आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं। आइये जानते है मोरिंगा (सहजन) के फायदे ( Moringa benefits and side effects in hindi)

स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है मोरिंगा : Moringa benefits of health 

भारतीय खानपान में हरी पत्तेदार सब्जियों को उनके रंग, स्वाद व चिकित्सीय गुणों के कारण बहुत महत्व दिया जाता रहा है किंतु पिछले कुछ वर्षों में इनका औसत सेवन 23 ग्राम प्रतिदिन से घटकर 15 ग्राम प्रतिदिन रह गया है।

इसके साथ सामान्यतः खाई जाने वाली हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों आदि का उत्पादन अधिकतर सर्दी के मौसम में होता है।

इसलिए गर्मी के मौसम में इनकी उपलब्धता न होने से शरीर में इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिनमें विटामिन ए प्रमुख है यह विटामिन शिशु एवं छोटे बच्चों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसकी कमी से रतौंधी नामक रोग होता है जिसमें कम रोशनी या अंधेरे में देखने की क्षमता प्रभावित होती है।

इस विटामिन की कमी के साथ-साथ अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कैल्शियम और आयरन की कमी हो जाती है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए वैकल्पिक स्रोत है सहजन, जिसे राजस्थान में लाल सहिंडड़ो कहा जाता है।

अंग्रेजी में इसे Moringa या Drumstick tree कहते हैं। इसके अनगिनत फायदों Moringa benefits के कारण आयुर्वेद में इसे अमृत के समान माना गया है। सहजन का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं में प्रचुर मात्रा में किया जाता है।

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इस वृक्ष की पत्तियों, फलियों, फूल, छाल, गोंद आदि में औषधीय होते हैं इसलिए यह शरीर के सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करने में सक्षम होता है। इस लेख में मोरिंगा (सहजन) के फायदों ( Moringa benefits) के बारे विस्तार से बताया गया है इसलिए अंत तक जरूर पढ़ें।

सहजन क्या है – what is moringa in hindi

यह वृक्ष इतना उपयोगी और फायदेमंद (Moringa benefits) होता है कि कई जगह तो इसे एक चमत्कार की उपाधि भी दी जाती है। यह लम्बी फलियों वाला एक पेड़ है इस पेड़ के सभी अंग स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं जैसे फलियां, पत्तियां तथा फूल, ज्यादातर सहजन की फलियों का प्रयोग सब्जी या अन्य व्यंजन बनाने में किया जाता है किंतु इसकी पत्तियों का प्रयोग भी सब्जी या किसी भी रूप में किया जा सकता है।

इसकी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसकी फली में विटामिन सी और पत्ती में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। सहजन में एंटीऑक्सीडेंट, बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड भी होते हैं।

मोरिंगा में न्यूट्रिशन – Moringa nutrition in hindi

सहजन यानि Moringa की सूखी पत्तियों के 100 ग्राम पाउडर में दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और पालक से 20 गुना अधिक आयरन होता है इसमें गाजर से 10 गुना अधिक Beta-carotene होता है जो कि आंखों, स्किन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत लाभदायक होता है। सहजन में पोटेशियम और विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

इसकी पत्तियों में उच्च स्तर का प्रोटीन (High protein foods) होता है यह प्रोटीन मांसाहारी स्रोतों से मिलने वाले प्रोटीन के बराबर होता है क्योंकि इसमें सभी आवश्यक एमिनो एसिडस पाये जाते हैं। इसमें विटामिन सी अधिक होने से यह आयरन के अवशोषण को भी बढ़ाता है।

मोरिंगा के फायदे : Moringa benefits and side effects in hindi

Moringa benefits and side effects in hindi

रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहजन के फायदे : Moringa benefits for immune system in hindi

सहजन की फलियां और पत्तियों का सूप पीने या दाल, सब्जी में सहजन की पत्तियां मिलाकर बनाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। साथ ही इसके सेवन से बदलते मौसम की कारण होने वाले सर्दी जुखाम जैसे रोगों से भी बचाव होता है।

इसका सेवन किसी भी रूप में करना शरीर को मजबूती प्रदान करने के साथ साथ बीमारियों से लड़ने के लिए भी शक्तिशाली बनाने में मददगार साबित होता है।

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पेट के रोगों में सहजन का प्रयोग : Moringa benefits for stomach in hindi

सहजन पेट की समस्याएं जैसे पेट दर्द, सूजन, गैस, बदहजमी, खट्टी डकार, अपच, आंतों में सूजन आदि में में भी फायदेमंद होता है इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण यह कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है सहजन वजन घटाने में भी लाभकारी होता है।

इसमें फाइबर भरपूर होने से यह शरीर में फैट अवशोषण को कम करता है। तथा इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम करके यह अनावश्यक फैट जमने से रोकता है। इसके अलावा सहजन में डाइयुरेटिक गुण होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं में अनावश्यक जल को कम करता है।

यौन शक्ति बढ़ाने में सहजन के फायदे : Moringa benefits for men in hindi

पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए सहजन के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है इसके फूलों के सेवन से थकान और कमजोरी दूर होती है और शरीर में शक्ति व ऊर्जा का विकास होता है।

इसके अलावा सहजन की पत्तियां भी सेक्स पॉवर बढ़ाने में लाभदायक होती है इनका किसी भी रूप में सेवन से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि के साथ ही स्पर्म भी गाढ़ा होता है।

इसके साथ ही यह महिलाओं के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसके नियमित सेवन से व्यक्ति हमेशा चुस्त-दुरुस्त और जवान रह सकता है।

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गर्भवती महिलाओं के लिए सहजन के फायदे : Moringa benefits for pregnant women in hindi

महिलाओं को गर्भावस्था में पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए सहजन का सेवन करने से महिलाओं में सभी जरूरी पोषक तत्वों की बुद्धि होती है। इस में पाया जाने वाला प्राकृतिक कैल्शियम शरीर के लिए पर्याप्त है एवं किसी भी कैल्सियम सप्लीमेंट से बेहतर होता है।

इसके अलावा दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए सहजन वरदान होता है इससे दूध की कमी नहीं होती और शिशु जन्म के बाद की कमजोरियों का भी निवारण होता है।

मधुमेह में सहजन का प्रयोग : Moringa benefits for diabetes in hindi

सहजन की ताजी पत्तियों और फलियों का जूस निकालकर इसका नियमित सेवन करने से मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है क्योंकि इसमें मधुमेह विरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

यह इंसुलिन के स्तर और संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है जिससे मधुमेह के रोगी को लाभ मिलता है। इसके साथ ही इसके अर्क का सेवन करना भी डायबिटीज में लाभदायक होता है।

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एड्स रोग में सहजन का प्रयोग : Moringa benefits for hiv patients in hindi

एड्स के रोगियों के लिए भी सहजन बहुत ही गुणकारी होता है क्योंकि एड्स के रोगियों को दी जाने वाली एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Anti-retroviral therapy) के साथ सहजन का पाउडर हर्बल सप्लीमेंट के रूप में दिया जा सकता है।

इससे एड्स में राहत मिलती है और शरीर को रोग से लड़ने के लिए ताकत मिलती है। यह एड्स की कोशिकाओं के निर्माण की गतिविधियों को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है।

सहजन के अन्य फायदे (Other use of moringa in hindi)

इसके ऊपर बताये गए लाभ (Moringa benefits) और प्रयोग के अलावा भी इसका उपयोग अनेक रोगों के उपचार या स्वस्थ व निरोगी रहने के लिए किया जा सकता है जैसे

  • इसके सुप का नियमित सेवन करने से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है और शारिरिक कमजोरी जैसी समस्याओं में भी लाभ मिलता है व दाम्पत्य जीवन में खुशहाली रहती है।
  • सहजन एंटीबैक्टीरियल गुणों से भी भरपूर होता है जो कई तरह संक्रमण रोगों से सुरक्षित रखने में मददगार होता है।
  • इसके सुप का नियमित सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं यानि Digestive system से भी छुटकारा मिलता है और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
  • सहजन की फली और पत्तियों का रस निकालकर सुबह के समय नियमित सेवन करने से उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है और ह्रदय भी मजबूत होता है।
  • अस्थमा रोग में भी सहजन को फायदेमंद माना जाता है सर्दी, खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।
  • यह शरीर में रक्त शुद्धि का काम भी करता है और खून साफ होने से चेहरे पर कील, मुंहासे, दाग धब्बों व पीपल्स की समस्या से छुटकारा मिल कर चेहरे पर निखार आता है।
  • सहजन की पत्तियों का पेस्ट बनाकर गर्म करके लेप करने से गठिया, जोडों के दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी और सूजन में लाभ मिलता है।
  • इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर इसमें हींग और सेंधा नमक मिलाकर पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ मिलता है।

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हजन का सेवन कैसे करें (What are use of moringa in hindi)

इसका पूरा पेड़ ही औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है। सहजन मनुष्य के साथ साथ पशुओं और पक्षियों के लिए भी उपयोगी माना जाता है। इसका उपयोग अनेक तरीकों से किया जा सकता है जैसे

  • इसकी हरी पत्तियों की सब्जी, पालक, मेथी, सरसों की तरह ही सहजन के पत्तों की सब्जी भी बनाई जा सकती है।
  • सहजन की फलियों को छोटे टुकड़ों में काटकर सब्जी बना सकते हैं जो एन्टी ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है।
  • इसकी फलियों के टुकड़ों को उबालकर इसका सूप बनाया जाता है जो कैल्शियम की अधिक मात्रा यानि High calcium foods के कारण हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
  • अन्य किसी भी प्रकार की सब्जियों के साथ 20 से 25 प्रतिशत सहजन की पत्तियां डालने से पौष्टिकता व स्वाद बढ़ जाता है।
  • सहजन की पत्तियों को सुखाकर पाउडर (Moringa powder) के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इसकी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, एंटी ऑक्सीडेंट के अलावा एस्कोर्बिक एसिड, फोलिक एसिड और फेनॉलिक पाए जाते हैं।
  • यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों का भंडार होता है मोरिंगा में 40 से अधिक प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
  • रोटी बनाने वाले आटे में सहजन की पत्तियां डालकर पराठा बना ले और घी में सेक कर सेवन करें बच्चों के लिए यह पौष्टिक रेसिपी है।

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सहजन के नुकसान (side effects of moringa in hindi)

मोरिंगा (सहजन) के फायदों के बारे में जानने के बाद जानते है इसके नुकसान क्योंकि इसके प्रयोग से फायदे के साथ साथ इसके कुछ नुकसान भी होते है जैसे

  • इसका अधिक मात्रा में सेवन से रक्त शर्करा के स्तर में कमी हो सकती है इसलिए जिनका शुगर लेवल कम हो उनको सहजन  का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
  • जिनका ब्लड प्रेशर कम रहता है उनको भी सहजन का सेवन चिकित्सक की देखरेख में करना चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सहजन का सेवन सन्तुलित मात्रा में करना चाहिए या किसी योग्य वैद्य व चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही करना चाहिए।

FAQ

Q 1. सहजन की पत्तियां क्या काम आती है ?

Ans  इसकी पत्तियों में शरीर के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। मोरिंगा की पत्तियों में विटामिन सी और विटामिन ए के साथ-साथ आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसका सेवन (Moringa uses) अनेक रोगों से बचने और शरीर को निरोगी रखने के लिए किया जाता है।

Q 2. सहजन के पत्तों का उपयोग कैसे करें ?

Ans  इसकी पत्तियों का उपयोग सब्जी, सूप बनाने के साथ-साथ इन को सुखाकर पाउडर के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा सहजन की पत्तियों (Moringa leaves) को सलाद या कोई भी व्यंजन बनाने के रूप में सेवन किया जा सकता है।

Q 3. सहजन कहाँ पाया जाता है ?

Ans इसकी खेती केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के कई देशों में की जाती है। फिलीपींस, श्रीलंका, मलेशिया, मैक्सिको आदि देशों में इसका उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है। दक्षिण भारत में इसका प्रयोग व्यजनों में खूब किया जाता है। इसको बंजर पड़ी जमीन पर भी उगाया जा सकता है क्योंकि इसे कम पानी की आवश्यकता होती है और यह कहीं भी हो सकता है।

इस पोस्ट सहजन के फायदे और नुकसान (Moringa benefits and side effects in hindi) के बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो Comment बॉक्स में लिखें और पोस्ट को शेयर भी करें।

-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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में श्रवण बिश्नोई Nirogi Health का Founder और एक Professional Blogger हूँ। में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर आधारित स्वास्थ्य से संबधित जानकारियां इस ब्लॉग पर नियमित Publish करता रहता हूँ।

5 thoughts on “सहजन के फायदे और नुकसान | Moringa benefits and side effects in hindi”

  1. स्वास्थय वर्धक जानकारी से ऐसे लाभान्वित करते रहें आपका और गूगल का तहदिल से आभार🙏

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