मेडिटेशन क्या है, ध्यान कैसे करें और इसके फायदे | How to meditation in hindi

ध्यान कैसे लगाएं [How to meditation] मेडिटेशन के फायदे, ध्यान कब लगाना चाहिए (Dhyan kaise kare) मेडिटेशन का महत्व, Meditation kaise kare, meditation karne ka tarika, Dhyan karne ke fayde

मेडिटेशन या ध्यान लगाना एक प्रकार की मानसिक अवस्था होती है इसमें अपने मन और मस्तिष्क को एकाग्रचित्त करने का प्रयत्न किया जाता है। How to meditation ध्यान लगाने में सम्पूर्ण शरीर को एक बिंदु पर केंद्रित करना पड़ता है। मेडिटेशन की प्रक्रिया को करने के दौरान व्यक्ति का दिमाग उसके नियंत्रण में होता है। ध्यान करते समय हमारे दिमाग में किसी भी तरह का भटकाव या लौकिक विचार आदि नहीं होता है।

ध्यान या Meditation kaise kare के बारे में कई प्राचीन ग्रथो में काफी विवरण मिलता है ध्यान का अभ्यास  प्राचीन काल से ही बहुत सी धार्मिक परम्पराओं व मान्यताओं के रूप में किया जाता रहा है। Meditation का अभ्यास करने के स्वास्थ्य पर कोई भी दुष्प्रभाव या नुकसान नहीं है।

नियमित तौर पर इसका अभ्यास करने से किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों में भी मानसिक संतुलन को बेहतर रखा जा सकता है। आज हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि आखिर ये ध्यान क्या होता है (what is meditation) ध्यान कैसे लगाया जाता है (Dhyan kaise kare) और इसके स्वास्थ्य लाभ तथा इसका महत्व क्या है, Meditation कब, कितनी देर करें और क्या Meditation के कोई नुकसान भी है।

How to meditation
Dhyan kaise kare

ध्यान कैसे करें / How to meditation

ध्यान करना यानि How to meditation के लिए सर्वप्रथम तो अपने मन मष्तिष्क को रिलैक्स करें और एकांत में ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं और कुछ समय के लिए अपने दिमाग में जो भी चल रहा है उससे बाहर निकलकर किसी भी एक वस्तु पे अपना ध्यान केंद्रित करने का प्रयत्न करें।

उसके बाद रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए आंखे बंद करके अपने सांसों पर ध्यान देना है तथा 25 से 30 मिनिट के लिए अपने दिमाग को शून्य पर केंद्रित करना है। जब आप धीरे धीरे इसका अभ्यास करते जाएंगे आपका ध्यान लगने लगेगा।

मेडिटेशन क्या है : What is Meditation in hindi

ध्यान को सचेत अवस्था का आनंद कहा जा सकता है। जैसे नींद लेना हमारे लिए सहज है वैसे ही सभी के लिए ध्यान लगाना भी सहज प्रक्रिया होता है। ऐसा नहीं है कि केवल साधु, संत, महात्मा या गुरु ही ध्यान लगा सकते हैं या वही ध्यान सिखा सकते हैं।

ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है क्योंकि हर इंसान ध्यान लगा सकता है और ध्यान सीख सकता है। अपने मन मष्तिष्क को शांतचित्त करना और अनवॉन्टेड विचारों को अपने दिमाग में आने या दिमाग में किसी तरह की रील को चलने से रोकना ही मेडिटेशन होता है।

ध्यान एक प्रकार का मानसिक एकाग्रता बढ़ाने का अभ्यास है। मेडिटेशन एक परमात्मा से मिलन की प्रक्रिया है जैसे जब आप नींद में होते हैं तो ‘मैं और मेरा‘ हमारे दिमाग से हट जाता है वैसे ही जब हम ध्यान लगाते हैं तो इससे भी हमारे दिमाग से “मैं और मेरा” हट जाता है।

जिसके कारण आत्मा और परमात्मा का मिलन हो सकता है। बस फर्क इतना ही है नींद के लिए हमें लेटना होगा और ध्यान लगाने के लिए ध्यान मुद्रा में बैठना होगा। ध्यान मुद्रा का अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ साथ कुछ और भी स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

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मेडिटेशन के प्रकार : Type of Meditation

ध्यान या Meditation बहुत प्रकार के हैं इनमें से कुछ प्रकारों के बारे में चर्चा करते हैं विभिन्न प्रकार से ध्यान का अभ्यास किया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर इन्ही 6 प्रकार की ध्यान मुद्राओं का अभ्यास किया जाता है।

1.आध्यात्मिक ध्यान
2.मंत्र ध्यान
3.केंद्रित ध्यान
4.विपस्सना मेडिटेशन
5.गतिमान मेडिटेशन
6.गूढ़ चिंतन

मेडिटेशन का उद्देश्य और महत्व : Importance of meditation in hindi

आज के समय हर किसी इंसान के दिमाग में किसी न किसी कारण से तनाव या लोड रहता ही है इसलिए हर किसी इंसान के लिए मेडिटेशन या ध्यान करना अति आवश्यक होता है। लंबे समय तक ध्यान मुद्रा में बैठने के लिए हमारे शरीर का सक्षम और निरोग होना प्राथमिक आवश्यकता होती है।

यह धारणा गलत है कि ध्यान से रोग निदान या उपचार होता है बल्कि यह स्पष्ट है कि एक निरोग व्यक्ति ही ध्यान कर पाता है। हां यह अवश्य हो सकता है की मेडिटेशन या ध्यान करने से रोगों से शरीर की रक्षा की जा सकती है लेकिन किसी भी रोग का उपचार किया जाना संभव नहीं हो सकता है।

मानव जीवन को सार्थक करने के लिए अभी कुछ गतिविधियां करना काफी आवश्यक है जैसे मन मष्तिष्क की शांति के लिए धार्मिक या आध्यात्मिक ज्ञान, तप, सेवा, सुमिरन और ध्यान की साधना साथ साथ की जाए तो जीवन अवश्य सार्थक हो सकता है।

साथ ही इनसे इंसानी मन, मष्तिष्क शांत रहता है और दिमागी लोड कम करने में काफी मदद मिलती है। मस्तिष्क में आने वाले अनवांटेड विचारों से राहत दिलाने का Meditation एक कारगर उपाय होता है।

मेडिटेशन के फायदे : Benefits of meditation in hindi

नियमित तौर पर ध्यान मुद्रा में बैठने और ध्यान केंद्रित करने से Concentration और Relaxation बढ़ता है। ध्यान या Meditation किसी भी जाति, धर्म, समुदाय के लोग, बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री य पुरूष सभी कर सकते हैं क्योंकि यह सभी के लिए एक जैसे ही लाभ उत्पन्न करने में सहायक होते हैं।

रोजाना ध्यान लगाने के फायदे निम्नलिखित है जैसे –

  • रोज ध्यान लगाने से मन शांत होता है
  • भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर होता है
  • रोज ध्यान करने से मानसिक तनाव कम होता है
  • बिना बात की चिंता करना कम हो जाता है
  • स्व जागरूकता और जिज्ञासा बढ़ाता है
  • ध्यान लगाने से सकारात्मक विचारों में वृद्धि होती है
  • एकाग्रता भी अत्यधिक बढ़ जाती है
  • नियमित तौर पर ध्यान लगाने से याददाश्त बढ़ती है
  • नियमित ध्यान का अभ्यास करने से इंसान दयालु बनता है
  • मेडिटेशन से बुरी आदतें छोड़ने में काफी मदद मिलती है
  • अनिद्रा की समस्या दूर होकर नींद अच्छी आती है
  • शरीर में किसी प्रकार का दर्द व तनाव कम होता है
  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
  • मानव जीवन दिव्य बनता है और प्रभु प्राप्ति की ओर अग्रसर होने में काफी सहायता मिलती है।
How to meditation
Meditation tips

क्या ध्यान योग से रोग ठीक हो सकता है

मेडिटेशन एक प्रकार की लंबे समय तक जाने वाली प्रक्रिया होती है। इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ होते हैं तथा यह शरीर को भीतरी पोषण प्रदान करने में महत्वपूर्ण है लेकिन अगर आप किसी बीमारी या किसी तरह की शारीरिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं तो आपको उपचार की अधिक आवश्यकता हो सकती है।

इसलिए मेडिटेशन को किसी चिकित्सा की तरह समझते का प्रयास न करें क्योंकि मेडिटेशन किसी बीमारी का इलाज नहीं है। लेकिन ध्यान के अभ्यास को लगातार लंबे समय तक जारी रखने से शरीर मे रोग उत्पन्न करने की प्रक्रिया को अवश्य काफी हद तक कम किया जा सकता है।

अतः किसी बीमारी में सर्वप्रथम चिकित्सा की आवश्यकता अधिक होती है और ध्यान योग या मेडिटेशन का नियमित अभ्यास करके आप केवल बीमारियों के होने का खतरा या यूं कहें गति को कुछ कम जरूर कर सकते हैं।

Meditation से मन-मष्तिष्क को शक्ति मिलती है जिससे एक तो बीमारियों का खतरा कम होगा और हमारी बीमारियों से लड़ने की भी शक्ति में वृद्धि होती है।

मेडिटेशन कितनी देर करना चाहिए : How many times meditation

ध्यान करने के लिए जरूरी नहीं है कि आपको हिमालय में जाना होगा या इसके लिए किसी विशेष आसन या विशेष जगह की जरूरत है।

आप किसी भी समय कहीं पर भी बैठकर ध्यान मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। बस इतना जरूर है कि शुरुआत में आपको कुछ शांत जगह या No Distrabation, मध्यम रोशनी में अधिक कंफर्टेबल रहेगा।

मेडिटेशन के लिए समय इतना मायने नहीं रखता जितना कि आपको अतीत और भविष्य के बारे में दिमाग में चलने वाले विचारों को निकालकर केवल वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना है।

मेडिटेशन कब करना चाहिए : When to do meditation

ध्यान या मेडिटेशन का अभ्यास कभी भी यानि किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है सुबह जल्दी यानी 4 बजे या रात को सोते समय ध्यान करना बेहतर माना जाता है क्योंकि इस समय शांत वातावरण होता है और इस समय किसी भी तरह का शोर शराबा या डिस्टरबेंस नहीं होती है।

लेकिन एक चीज का विशेष ध्यान रखें की नियमित ध्यान करने के समय का चुनाव एक ही समय का करें कि इसी टाइम रोज ध्यान करना है। तथा जब भी ध्यान मुद्रा का अभ्यास करें पेट खाली होना चाहिए यानि इसे भोजन करने के चार से पांच घटे बाद किया जाना ही बेहतर होता है।

इसलिए मेडिटेशन का सही समय सुबह 3 से 4 बजे का ही टाइम अतिउत्तम बताया गया है। रोजाना कुछ लोग या साधु संत रात में ध्यान का अभ्यास करते है और लोगो को भी ऐसा करने की सलाह देते है।

How to meditation
Meditation ke fayde

मेडिटेशन के नुकसान : Side effects of meditation

नियमित ध्यान का अभ्यास करने के अनेकों स्वास्थ्य लाभ है लेकिन किसी किसी को इसको करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं इसलिए इनके बारे में भी उचित जानकारी होना आवश्यक है।

ध्यान मुद्रा करने के अलग-अलग तरीके और तकनीक होती है इसलिए अलग-अलग तकनीकों का प्रयोग करने से ध्यान लगने में परेशानी होगी।

इसलिए उचित यही होगा की आपको मेडिटेशन करने के लिए एक ही तरीके का उपयोग करना है जो कि आपके लिए सही साबित हो सके। अगर अलग-अलग तरीकों से करेंगे तो यह आपके लिए कुछ परेशानियां पैदा कर सकता है।

ध्यान करने के दौरान हम अपने आप को पहचानते हैं इसलिए मेडिटेशन के दौरान कोई पुरानी या दबी हुई भावनाओं का भी सामना हो सकता है जिसके कारण आपको काफी असहज महसूस हो सकता है यह मेडिटेशन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया होती है। 

यह पुरानी भावनाएं, डर, क्रोध, ईर्ष्या अपने आप धीरे-धीरे कम होती जाएगी लेकिन इन सब से परेशान होकर मेडिटेशन की प्रक्रिया को बंद नहीं करना चाहिए इसको रेगुलर करते रहे कुछ समय में आप सहज महसूस करने लगेंगे।

नियमित ध्यान का अभ्यास करने से हम मोह माया, रिश्ते नाते, परिवार आदि से कुछ दूर होने लगते हैं यह ध्यान या मेडिटेशन का एक विशेष गुण होता है।

इससे घबराकर कहीं आपने ध्यान का अभ्यास करना बंद कर दिया तो आपमे आई हुई ये चेंजिंग दूर नहीं होगी, इसलिए इनसे घबराने के बजाय आप अभ्यास की प्रक्रिया को जारी रखें धीरे-धीरे आपको मानसिक शांति का एहसास महसूस होने लगेगा।

एक बीमारी ग्रस्त व्यक्ति से ध्यान लग ही नहीं सकता रोगिष्ट इंसान कभी भी एक आसन पर स्थिर बैठ भी नहीं पाता हैं

क्योंकि जब भी वह ध्यान मुद्रा में स्थिर बैठने की कोशिश करेगा तो उसके हाथों पैरों में ऐंठन आ जाएगी, कमर व जोड़ों में दर्द होने लगेगा, नींद आने लगेगी, मन नहीं लगेगा, अत्यधिक बेचैनी, घबराहट व तनाव होने लगेगा।

तो फिर ऐसी स्थिति में ध्यान लग पाना बहुत कठिन हो जाता है और अगर ठीक से ध्यान नहीं लगेगा तो मेडिटेशन का कोई औचित्य नहीं रह जाता हैं।

FAQs

#1. ध्यान लगाने का सही तरीका क्या है?

मेडिटेशन या ध्यान लगाने के तरीकों की बात करें तो इसे अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है लेकिन शुरुआत में ध्यान लगाने का अभ्यास करने के लिए चटाई या कुर्सी पर आराम की स्थिति में बिना कोई गतिविधियां करते हुए कमर यानी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए ध्यान मुद्रा में बैठे तथा इस प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार का शोर शराबा न हो और जहाँ भी बैठे वहां रोशनी बिल्कुल मध्यम या नहीं होनी चाहिए।

#2. ध्यान में क्या सोचना चाहिए?

जब हम ध्यान के अभ्यास की शुरुआत करते हैं तो हमारे दिमाग में बहुत कुछ चलता रहता है लेकिन हमें सिर्फ अपने श्वास पर ध्यान देना है और हमें संकल्प करना है कि मैं 20 – 25 मिनट के लिए अपने मस्तिष्क को शून्य कर देना या शून्य पर देखना चाहता हूं। ध्यान लगाने का एक सिंपल सा अर्थ होता है की हमारे जीवन से जुड़ी हुई है हर किसी बात पे ध्यान देना और उसकी गहराई में जाना।

#3. रोज कितनी देर मेडिटेशन करें?

ध्यान का अभ्यास करने के लिए 10 – 15 मिनट से शुरुआत करें तथा उसके बाद धीरे धीरे समय बढ़ाते रहे। जितने वर्ष आपकी उम्र ही उतनी मिनट रोज ध्यान करना चाहिए जैसे अगर आप 40 वर्ष आयु के हैं तो 40 मिनट और 60 वर्ष है तो 60 मिनट तक रोज अभ्यास जरूर करें।

Sadhguru Ji

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों आशा करते है कि यह लेख ध्यान लगाना या Dhyan kaise kare आपको जरूर पसंद आया होगा और यह आपके लिए काफी उपयोगी भी साबित हो सकता है, कॉमेंट करके जरूर बताना और दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के साथ शेयर भी कर देना। इसके बारे में आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो कॉमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।

  • लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद

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