Heart disease problem | आजकल कम उम्र में ही हृदय रोग होने के कारण और घरेलू इलाज

कम उम्र में क्यों हो रहे हैं हृदय रोग जानें कारण और बचने के उपाय [Heart disease causes in hindi] Heart health tips

आज के समय में कम उम्र में भी Heart disease problems या हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं पहले के समय में हृदय रोग जैसे दिल के दौरे, स्ट्रोक, रक्तचाप और हृदय की धमनियों के रोग केवल उम्रदराज लोगों में देखे जाते थे लेकिन आजकल 25 से 40 की उम्र के युवाओं को भी दिल से जुड़े रोग (Heart disease) अपनी चपेट में ले रहे हैं।

इस Heart disease के लिए हमारी जीवन शैली और अनियंत्रित खानपान की आदतें ही जिम्मेवार है। इसलिए जब तक हम अपनी जीवनशैली और आहार में बदलाव नहीं करेंगे तब तक हमे ऐसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बना रहेगा जानिए Heart disease causes in hindi

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Heart disease problem / हृदय रोग का खतरा

अगर हम पिछले कुछ सालों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले कम उम्र के लोगों में तेजी से सामने आ रहे हैं। इस Heart disease हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के कारण कई युवा हस्तियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है जिनमे से अधिकतर की उम्र 50 वर्ष से कम ही थी।

अगर दिल के रोग से होने वाली मौतों के आंकड़ों पर गौर करें तो बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको कम उम्र में एक्सरसाइज या जिम करते हुए जान गवानी पड़ी है।

विशेषज्ञों के मतानुसार अगर किसी को दिल से जुड़ी किसी प्रकार की प्रॉब्लम्स Heart disease problems है तो उनके लिए जिम में तेज एक्सरसाइज करना, रनिंग करना या डांस करना काफी घातक हो सकता है।

दिल से संबंधित रोगों की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बहुत कम देखी जाती है।

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कम उम्र में हृदय रोग होने के कारण – Heart disease causes in hindi

युवाओं में हृदय रोग अधिक होने का कारण अनियंत्रित जीवनशैली, खानपान और अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान करना आदि को माना जाता है।

इनसे युवाओं में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के लक्षण अधिक पैदा होते हैं। शरीर में जमा होने वाले अत्यधिक फैट के कारण Coronary Heart disease होने का खतरा बढ़ता है।

अल्कोहल के अधिक सेवन से High blood pressure यानि उच्च रक्तचाप की समस्या अधिक होती है जिसके कारण रक्त वाहिकाओं पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है और हार्ट पंपिंग शुरू होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। Heart disease के और भी बहुत से कारण है जैसे

अनियमित खानपान

आज के समय अधिकतर युवा काम की अधिकता के कारण खानपान पर उचित ध्यान व समय नहीं दे पाते हैं।

बाहर का खाना खाने, अधिक तैलीय व मसाले युक्त भोजन, जंक फूड, फास्ट फूड आदि का अधिक उपयोग करने के कारण इसका युवाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है

इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ती है जिसका प्रभाव सबसे अधिक हृदय पर पड़ता है जिसके कारण हार्ट से जुड़ी अनेक समस्याएं पैदा होती है।

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मधुमेह रोग

डायबिटीज को दिल की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। युवाओं में आजकल मधुमेह रोग अधिक देखा जाता है कुछ युवाओं को तो इस रोग का पता भी नहीं चलता है।

डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में दिल से जुड़े रोगों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसलिए युवाओं को समय-समय पर डायबिटीज की जांच अवश्य करवानी चाहिए।

अत्यधिक तनाव

मानसिक तनाव को हृदय रोगों का एक कारण माना जाता है। मानसिक तनाव रक्त वाहिकाओं पर प्रभाव डालता हैं जिसके कारण युवा अक्सर रक्तचाप या मानसिक रोग जैसी समस्याओं के शिकार हो जाते हैं

मानसिक तनाव के कारण नींद कम आने से भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आजकल युवाओं में देर से सोना और नींद पूरी नहीं होना भी Heart disease या दिल के रोगों का कारण बनता है।

नशीले पदार्थों का सेवन

आजकल युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति भी हृदय रोगों एक मुख्य कारण है। अत्यधिक धूम्रपान अल्कोहल का सेवन तथा अन्य किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ, मेडिकल नशा भी दिल को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इसलिए युवाओं को ऐसे पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि किसी भी प्रकार का नशा हृदय की मांसपेशियों को कमजोर करने और अनियमित रक्तचाप के लिए जिम्मेदार होता है।

हृदय रोग के लक्षण – Heart disease symptoms

हार्ट संबंधी रोग होने के कारण होने वाले लक्षणों के बारे में जानकारी और उचित ध्यान रखना आवश्यक होता है। अगर किसी को निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

  • अगर किसी को सीने में दर्द, कंधों में दर्द, पीठ में दर्द, गले या जबड़े में दर्द हो तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
  • बेचैनी, सांस लेने में परेशानी, सांसों का तेल चलना, अधिक पसीना आना या छाती में भारीपन या दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • कुछ कदम चलने पर सांस फूलना, घबराहट व कंपन होना, गैस एसिडिटी, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, पाचन संबंधी समस्याएं पैदा होना आदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत जांच करवाएं।
  • बताए गए लक्षणों में किसी प्रकार के लक्षण होने पर नजरअंदाज करना घातक हो सकता है इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखाई दे तो समय समय पर उचित जांच अवश्य करवाएं।

हार्ट अटैक जिम, डांस या रनिंग के दौरान क्यों होता है

अत्यधिक मेहनत करने या पसीना बहाने के दौरान दिल की धमनियों में एथेरोरोस्क्लेरोटिक प्लाक के फटने का खतरा अधिक बढ़ जाता है जिसके कारण हार्ड अटैक आ सकता है। जो लोग रक्तचाप या मधुमेह से पीड़ित हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है।

ऐसी गतिविधियां करने के दौरान दिल की धड़कनें बढ़ जाती है और सीने पर जोर पड़ता है और दिल पर दबाव बढ़ता है।

इसलिए इस दौरान हार्ड अटैक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए जो लोग रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा या हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं से ग्रस्त है

उनको भारी व्यायाम या एक्सरसाइज करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेकर विशेषज्ञों की निगरानी में ही वर्कआउट करना चाहिए।

युवा हृदय रोगों से कैसे बचें – Precaution for heart disease in hindi

हर इंसान को अपनी उम्र के हिसाब से नियमित व्यायाम या आहार का सेवन करना चाहिए क्योंकि उम्र के हिसाब से खानपान व एक्सरसाइज अलग-अलग होते हैं।

1. वर्कआउट या जिम में एक्सरसाइज जैसी गतिविधियां शुरू करने से पहले डॉक्टर से उचित परामर्श लेकर तथा अपनी मेडिकल हिस्ट्री व रिपोर्ट के बारे में डिस्कस करने और आहार के बारे में जानने के बाद ही एक्सरसाइज जैसी गतिविधियां शुरू करनी चाहिए।

2. जिम में एक्सरसाइज की शुरुआत करने से पूर्व अपने रक्त की जांच, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, ईसीजी टेस्ट, स्ट्रेस टेस्ट आदि करवाकर डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।

3. अक्सर युवाओं में जल्दी वजन घटाने के चक्कर में हाई इंडेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग यानि H. I. I. T. करने लगते है यह हृदय से संबंधित समस्याओं को बढ़ाती है और इसके कारण स्ट्रोक, हार्ड अटैक, कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याएं पैदा होती है।

4. व्यायाम शुरू करने के दौरान अक्सर युवा मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट्स का प्रयोग जैसे प्रोटीन पाउडर आदि का प्रयोग करते हैं

5. इसके अलावा कुछ लोग स्टेरॉइड्स व इंजेक्शन भी लेते हैं जिसका असर सबसे अधिक हमारे हार्ट पर पड़ता है और यह हार्ड अटैक कार्डियक अरेस्ट का सबसे बड़ा कारण होता है।

6. इसलिए चिकित्सक से परामर्श के लिए बगैर युवाओं को ऐसे सप्लीमेंट्स का सेवन नहीं करना चाहिए बेहतर होगा अपने नियमित आहार के जरिए प्राकृतिक प्रोटीन का उपयोग करें।

यह भी पढ़ें – ह्रदय रोग से बचने के आयुर्वेदिक उपाय

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Heart tips

Heart disease महिलाओं के बजाय पुरुषों में ज्यादा क्यों होते हैं

केवल पुरुषों के ही दिल के रोगों यानि Heart disease के शिकार अधिक होने का मुख्य कारण है कि स्त्री और पुरुष का स्वभाव अलग-अलग होता है।

  • पुरुषों की बजाए स्त्रियां अधिक संवाद करती है खुशी में हंस लेती है और गम में अधिक रोती है।
  • स्त्रियाँ खुशी में खूब नाचती है जबकि पुरूष खुलकर बात करने में भी झिझकते रहते हैं। न गम में ज्यादा रोयेंगे और न खुशी में ज्यादा उछल कूद मचाएंगे।
  • स्त्रियां मन के विचार बाहर निकाल देती है और पुरूष अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। स्त्रियों के विपरीत पुरुषों का मजबूत शरीर और कमजोर दिल ही हृदय रोगों का कारण बनता है और असमय मृत्यु का भी कारण बनता है।
  • इसलिए युवाओं को चाहिए कि शरीर खोलने से पहले दिल खोलिए हजारों कदम चलने से पूर्व किसी अपने की ओर चार कदम बढ़ाइए और संवाद कीजिए
  • अगर नियमित किसी अपने से संवाद करेंगे तो संवेदनाएं कायम रहेगी और संवेदनाएं व्यक्ति को हमेशा सकारात्मक रहने की ताकत देती है।
  • अगर इंसान में संवेदनाएं प्रबल होगी तो वह खुशी, आश्चर्य, गम आदि की अभिव्यक्ति बेहतर तरीके से कर सकेंगे और अभिव्यक्ति इंसान को मजबूत बनाती है और स्वस्थ रखती है और आपका दिल हमेशा स्वस्थ व मजबूत रहेगा।
  • इसलिए मेरा युवाओं से आग्रह है की अपने मन को घुटन से बताइए और दिल को खुलकर सांस लेने दीजिए।

FAQ : Heart disease के बारे में पूछे जाने वाले सवाल

#1 पुरुषों को ही हार्ट अटैक क्यों आता है?

पुरुषों में हार्ट अटैक के मामले अधिक आने के कई कारण होते हैं जैसे कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह रोग, अनियंत्रित खानपान, अनियमित दिनचर्या, शारीरिक गतिविधियां कम करना या बिल्कुल नहीं करना, धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन आदि के कारण महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में इस रोग का खतरा अधिक होता हैं।

#2 हृदय रोग कौन कौन से है?

Heart disease कई रोगों का एक समूह होता है जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट, MI यानि मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन आदि दिल से सम्बंधित जानलेवा स्थितिया होती है।

#3 हार्ट अटैक आने से पहले शरीर क्या संकेत देता है?

थकान, अनियमित नींद यह दोनों सामान्य संकेत माने जाते हैं जो हार्ट अटैक से पूर्व दिखाई देते हैं। इसके अलावा छाती में भारीपन, दर्द, कमजोरी महसूस होना, सांस लेने में परेशानी, पसीना अधिक आना, घबराहट, चक्कर आना जैसे लक्षण हार्ट अटैक आने से पहले मुख्य संकेत होते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों आज हमने विस्तार से जाना युवाओं का दिल मजबूती की उम्र में इतना कमजोर क्यों होता जा रहा है तथा युवाओं में हृदय रोगों के मुख्य कारण यानि Heart disease causes क्या है और आज के समय युवाओं को अपने दिल की मजबूती के लिए क्या करना चाहिए तथा जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान किन किन सावधानियों को रखना आवश्यक होता है।

दोस्तों इस आर्टिकल के बारे में आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो जरूर लिखें तथा अपना दिल खोलकर इस मुद्दे पर चर्चा करें क्योंकि आज के समय दिल की मजबूती के लिए कुछ कदम उठाने की अधिक आवश्यकता है।

क्योंकि इंडियन हार्ट एसोसिएशन के आंकड़े बताते हैं कि Heart disease पिछले कुछ सालों में 50 वर्ष से कम उम्र के 50 परसेंट लोगों में तथा 40 वर्ष से कम उम्र के 25 प्रतिशत लोगों में हार्ड अटैक का जोखिम पाया गया है और यह आंकड़े हमें सोचने पर काफी मजबूर करते हैं।

दोस्तों आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल युवाओं में क्यों बढ़ रहा है Heart disease का खतरा जरूर पसंद आया होगा कृपया कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं तथा इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें ताकि आने वाले इस खतरे से सावधान रहने में कुछ मदद हो सके।

-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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