मधुमेह के साथ अनेक रोगों से भी बचाता है गुड़मार | Gudmar ke fayde aur nuksan

गुड़मार के फायदे [Benefits of gudmar] उपयोग और नुकसान – Gudmar ke fayde in hindi

गुड़मार यानि चीनी विनाशक के नाम से जाना जाने वाले इस औषधीय पौधे Gudmar का उपयोग डायबिटीज रोग से छुटकारा पाने के साथ साथ काफी रोगो के खतरों से बचने के लिए प्राचीन समय से ही किया जाता रहा है Gudmar ke fayde अनगिनत होने के कारण आयुर्वेद में Gudmar का काफी महत्त्व है।

जिमनिया सिल्वेस्टर (Gymnema sylvestre) यानी गुड़मार प्राचीन काल से ही रोगों के इलाज में प्रयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण औषधि है। गुड़मार का पूरा पौधा ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (Benefits of gudmar) होता है।

इस आर्टिकल में जानेंगे कि गुड़मार क्या है, इसमें न्यूट्रिशन और गुड़मार के फायदे तथा गुड़मार का उपयोग किन किन रोगों से बचने के लिए किया जा सकता है जानते हैं Gudmar ke fayde aur nuksan और इसका उपयोग करने के तरीके क्या है।

Gudmar ke fayde
Gudmar ke fayde in hindi

Gudmar ke fayde kya hai

आज के आधुनिक समय में जीवन चक्र में तेजी और जंक फूड की अधिकता तथा व्यायाम की कमी आदि के कारण मोटापा, मधुमेह, दिल के रोग जैसी बीमारियां सामान्यत पाई जाती है।

मधुमेह रोग में एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभावों के कारण प्राकृतिक उपचार से इसे नियंत्रित करने पर अधिक बल दिया जा रहा है।

प्राचीन समय से ही टी वानस्पतिक उपचार द्वारा रोगों का इलाज किया जा रहा है। तथा इनके साइड इफेक्ट नहीं होने के कारण आज के आधुनिक युग में भी इसे स्वीकार किया जा रहा है।

मधुमेह के उपचार में चीनी विनाशक यानी (Gudmar ke fayde) गुड़मार बहुत उपयोगी औषधि होती है।

गुड़मार क्या है (what is gudmar in hindi)

यह लता के रूप में पाई जाने वाली एक उपयोगी वनस्पति है। गुड़मार लताएं Gudmar ki bel पेड़ों पर फैलकर उसे इस प्रकार से ढक लेती की वृक्ष दिखाई नहीं देता।

इसको जिमनिया सिल्वेस्टर (Gymnema sylvestre) के नाम से भी जाना जाता है। गुड़मार को चीनी विनाशक भी कहा जाता है क्योंकि इसमें चीनी यानी शुगर को नष्ट करने के गुण होते हैं।

इसकी पत्तियों को चबाने से कुछ समय के लिए मुंह का स्वाद समाप्त हो जाता है तथा कुछ भी मीठा खाने की इच्छा नही होती है इसी कारण से इसको गुड़मार कहते हैं। देश के अलग अलग हिस्सों में इसे अनेक नामों से जाना जाता है।

गुड़मार में न्यूट्रिशन (Gudmar nutrition in hindi)

इसके पत्तों में जिम्नेमिक अम्ल, क्वेरसिटाल, एंथ्रोक्विनोन, जिम्नोसाइट्स, सेयोनिन तथा कैल्शियम ऑक्सीलेट जैसे रसायन पाए जाते हैं। माना जाता है कि गुड़मार में जिम्नेमिक अम्ल में 17 विभिन्न प्रकार के सेपोनिन्स पाए जाते हैं।

यह मोटापा कम करने में लाभदायक होता है। इसका हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव, इसकी पत्तियों में पाए जाने वाले जिमनेमिक अम्ल के कारण ही होता है।

यह इंसुलिन के स्राव को बढ़ाता है तथा आईलेट कोशिकाओं के पुर्नजनन को बढ़ावा देता है यह ग्लूकोस के उपयोग को बढ़ाता है तथा आंत से ग्लूकोज के अवशोषण को रोकने में भी यह सहायक होता है।

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गुड़मार का उपयोग (Gudmar uses in hindi)

आयुर्वेदिक प्रणाली में इसे मधुमेह मोलिट्स तथा इसी तरह की हाइपो या हाइपर स्थितियों के प्रबंधन हेतु उपयुक्त माना गया है। इसकी पत्तियों का उपयोग पेट के रोगों, कब्ज, बवासीर एवं यकृत के रोगों में किया जाता है।

साथ ही इसके फूलों, पत्तियों और फलों का उपयोग High blood pressure व लौ बी पी (निम्न रक्तचाप) के उपचार में किया जाता है।

भारतीय आयुर्वैदिक फार्मा में सूखी पत्तियां एवं जड़ का प्रयोग सांस रोग, ब्रोकियल अस्थमा, कफ और त्वचा के रोग व कुष्ठ रोगों तथा जख्म या घाव आदि के उपचार के रूप में किया जाता है।

चरक संहिता के अनुसार यह दुधारू पशुओं के दूध की गंदी बदबू को भी दूर करने में मददगार होता है। यह आंखों की समस्याओं में तथा साफ करने में उपयोगी है।

इसके लिए Gudmar की पत्तियों का अर्क एवं फूल फायदेमंद होते हैं। कफ रोग होने पर इसकी छाल तथा बवासीर में इसकी जड़ें फायदेमंद है। पेचिश के इलाज हेतु भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

मधुमेह के उपचार में गुड़मार के फायदे

जिमनिया सिल्वेस्टेरिस मधुमेह के उपचार में प्रयोग होता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी पत्तियों का सत्व अग्नाशय को उत्तेजित कर इंसुलिन स्रावित करता है।

गुड़मार के पत्ते रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मददगार होते हैं। मोटापे में वसा की अधिक मात्रा इंसुलिन उत्पादन में बाधा उत्पन्न करती है।

जिसके कारण टाईप2 डायबिटीज होती है। गुड़मार यकृत को उत्तेजित करता है तथा अप्रत्यक्ष रूप से अग्नाशय की इंसुलिन स्राव करने वाली ग्रंथियों की सहायता करता है।

इसलिए गुड़मार के सेवन से रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है तथा यूरिन के साथ बाहर आने वाली शर्करा भी बंद हो जाती है। नियमित खानपान की आदतों मे बदलाव करके शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।

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कोलेस्ट्रॉल कम करने में गुड़मार के फायदे

ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में गुड़मार उपयोगी होता है। एक अध्ययन के अनुसार इसके पत्ते कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करते हैं। इन दोनों का बढ़ना ह्रदय रोग का सबसे बड़ा कारण होता है।

गुड़मार के फूल और पत्तियां ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होती है इसकी पत्तियों और छाल का रस निकालकर सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।

पेट के रोगों में गुड़मार के फायदे

गलत खानपान या अधिक मात्रा में फास्ट फूड, जंक फूड आदि का सेवन करने के कारण होने वाली मुख्य समस्याएं जैसे कब्ज, गैस, बदहजमी, अपच, खटी डकारे आदि से छुटकारा दिलाने में गुड़मार फायदेमंद (Gudmar benefits) होती है। इसके लिए इसकी पत्तियों का सेवन किसी भी रूप में करना लाभकारी होता है।

इसके अलावा पेट के अन्य रोगों जैसे लिवर, अमाशय व आंतो सम्बंधी रोगों में भी इसकी पत्तियों का जूस या काढ़ा बनाकर सेवन किया जा सकता है।

ह्रदय रोगों में गुड़मार के फायदे

हार्ट से सम्बंधित रोग आजकल एक मुख्य बीमारी है। आज के समय में कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं बहुत देखने को मिलती है। आज के समय मे ह्रदयघात के कारण होने वाली मौतें बहुत होती है इसका सबसे बड़ा कारण गलत खानपान होता है।

इसलिए दिल से जुड़े रोगों से बचने के लिए गुड़मार के फूलों, पत्तियों और फलों का उपयोग करना फायदेमंद होता है। गुड़मार के सेवन से हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

हार्ट रोग में डाइट प्लान जानने के लिए ह्रदय रोग में आहार चार्ट पढें

त्वचा रोगों में गुड़मार के फायदे

गुड़मार स्किन की समस्याओं में भी गुणकारी होती है। त्वचा से सम्बंधित किसी प्रकार के रोगों में इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर नारियल तेल में अच्छे से घुटाई करके स्किन पर लेप लगाने से फायदा मिलता है।

त्वचा पर कोई जख्म या घाव होने पर इसकी जड़ को पानी मे उबालकर उस पानी से धोने से जख्म जल्दी ठीक होता है। गुड़मार की पत्तियों, फूलों और फलों के जूस को पीने से स्किन सम्बंधी समस्याओं से बचा जा सकता है।

पथरी रोग में गुड़मार के फायदे

गुर्दे में होने वाली पथरी का दर्द बहुत कष्टदायक होता है। इस समस्या में होने वाले भयंकर दर्द से राहत दिलाने और पथरी को मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में गुड़मार बहुत ही गुणकारी औषधि मानी जाती है।

इसके लिए इसकी ताजी पत्तियों का रस निकालकर नियमित कुछ दिन सेवन करने से फायदा मिलता है। अगर ताजी पत्तियां न मिले तो सुखी हुई पतियों व छाल का काढ़ा बनाकर भी सेवन करना लाभदायक होता है।

पेट के कीड़ों में गुड़मार के फायदे

अक्सर बच्चों या बड़ो के पेट मे होने वाली कीड़ो की समस्या से छुटकारा दिलाने में गुड़मार बहुत फायदेमंद औषधि होती है। इसके लिए इसके पत्तों या छाल का रस निकालकर दिन में दो बार तीन दिनों तक लगातार पीने से पेट के कीड़े मर जाते है और मल के साथ बाहर निकल जाते है।

अगर ताजा रस न मिले तो इसकी छाल या पत्तो को उबालकर काढ़ा बनाकर इसको छानकर इसका सेवन करना भी फायदा मिलता है। इससे पेट के कीड़े मरकर बाहर निकलजाते है।

वजन घटाने में गुड़मार के फायदे

इसमें पाएं जाने वाले अनेक प्रकार के सेपोनिन्स तत्वों के कारण यह मोटापा कम करने में लाभकारी होता है। इसके लिए गुड़मार की पत्तियों और फलों का ज्यूस निकालकर नियमित सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।

गुड़मार के सुखे हुए फलों को पानी में उबालर छान कर इसका प्रयोग रोज सुबह करना शरीर का वजन नियंत्रित करने में मददगार होता है। वजन घटाने के लिए डाइट प्लान जानने के लिए यह पढें

Gudmar ke fayde
Health benefits of Gudmar

फैटी लिवर में गुड़मार के फायदे

गुड़मार फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा दिलाने और सूजन कम करने में काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए जिमनिया सिल्वेस्टर यानी Gudmar के फल, फूल व फलियों का रस या काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करना फायदेमंद होता है।

इससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को यूरिन के रास्ते बाहर निकालने में मदद मिलती है तथा लिवर साफ रहता है और लिवर की सूजन की समस्या से छुटकारा मिलता है।

गठिया रोग में गुड़मार के फायदे

गुड़मार गठिया रोग के उपचार में प्राचीन काल से ही उपयोग की जाने वाली पारंपरिक औषधियों में एक है। क्योंकि इसमें यूरिन इंफेक्शन, जलन, सूजन जैसी समस्याओं को कम करने के गुण पाए जाते है साथ ही यह मूत्रवर्धक भी होती है।

इससे गठिया के कारण होने वाले जोडों में दर्द की समस्या में भी राहत पाने में मदद मिलती है। इसलिए इसका सेवन गठिया रोग, यूरिक एसिड व जोड़ दर्द में करना फायदेमंद होता है।

जहरीली वस्तु के सेवन में गुड़मार के फायदे

गुड़मार को विष का नाश करने वाली औषधि माना जाता है। किसी जहरीली वस्तु का सेवन करने,जहरीली शराब या किसी नशीले पदार्थों व फूड पॉइजनिंग जैसी किसी भी प्रकार की समस्या से छुटकारा दिलाने में यह बहुत मददगार होती है। इसके लिए गुड़मार की जड़ को पीसकर या काढ़ा बना कर पिलाने से फायदा होता है।

किसी जहरीले जीव जंतु या जानवर के काटने पर उस स्थान पर जड़ को पीसकर लेप करने से विष का असर कम होता है और विष उतर जाता है।

गुड़मार के नुकसान (Gudmar side effects in hindi)

गुड़मार का सेवन करने से होने वाले फायदों  (Benefits of Gurmar) के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे

  • जो लोग ब्लड शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन करते हैं। उनके लिए गुड़मार नुकसानदायक हो सकती है। क्योंकि इसमें ब्लड शुगर को कम करने के गुण होते हैं। इसलिए दवाओं के साथ इसका सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा कम हो सकता है।
  • गुड़मार का अधिक मात्रा में या ज्यादा समय तक सेवन करने से सिर दर्द, घबराहट या चक्कर आने जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • जिन लोगों को एलर्जी की शिकायत है उनको इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

िष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने जाना गुड़मार क्या है आयुर्वेद में गुड़मार का महत्व तथा इसका Gudmar ka use in hindi उपयोग करने के फायदे और नुकसान (Gudmar ke fayde aur nuksan) क्या है और गुड़मार का उपयोग किन किन बीमारियों से बचने या छुटकारा पाने में किया जा सकता है।

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विशेष

गुड़मार में पाए जाने वाले इन्हीं अत्यंत उपयोगी गुणों और Gudmar ke fayde के कारण इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इसकी लगातार बढ़ती मांग एवं प्राकृतिक परिवेश में इसकी घटती उबलब्धता के कारण इसकी खेती हेतु प्रयास करने की आवश्यकता है। इसलिए जहां भी सम्भव हो गुड़मार की लता Gudmar ki bel को अवश्य लगाना चाहिए।

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