बेल के फायदे और नुकसान (Bael benefits in hindi) बिल्व के गुण
Bael ke fayde in hindi – आयुर्वेद में बेल को बहुत महत्वपूर्ण औषधि माना गया है लेकिन अधिकांश लोगो को बेल के फायदों के बारे में जानकारी नहीं होती है। निरोगी हेल्थ के इस आर्टिकल में जानेगे बेल क्या है, बेल के औषधीय गुण, बेल पत्र के फायदे, बेल गिरी के फायदे, बेल जूस के फायदे, बेल का सेवन और बेल के स्वास्थ्य लाभ और फायदे (Bael ke fayde in hindi) कौन कौन से है और बेल का प्रयोग किन रोगो में किया जाता है आइये जानते है बेल के फायदे (Bael ke fayde in hindi)
Table of Contents
- 1 बेल के फायदे और नुकसान (Bael benefits in hindi) बिल्व के गुण
- 2 बेल क्या है (What is Bael)
- 3 बेल में पोषक तत्व (Bael Nutrition value in hindi)
- 4 बेल का प्रयोग (Bael uses in hindi)
- 5 बेल के गुण (Bael ke Gun)
- 6 बेल के स्वास्थ्य लाभ (Bael ke fayde in hindi)
- 7 बेलपत्र ज्यूस के फायदे (Bael juice benefits in hindi)
- 8 बेल का शर्बत (Bael sharbat benefits)
- 9 बेल की पत्तियां (Bael leaves benefits in hindi)
- 10 बेल के अन्य प्रयोग (Other Uses of Bael in hindi)
बेल क्या है (What is Bael)
हिंदू धर्म में बेल (बिल्व) वृक्ष को भगवान शिव की आराधना का मुख्य अंग माना गया है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण इसे मंदिरों के पास लगाया जाता है। बेल के वृक्ष का हर हिस्सा ही सेहत के लिए गुणकारी होता है। यह एक वृक्ष होता है इस पर लगने वाला फल को बेल फल कहा जाता है इसकी पत्तियों को बेल पत्र कहते है। बेल भारत के प्राचीन फलों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि जो रोगों का नाश करें वह बेल कहलाता है।
बेल के जड़, छाल, पत्ते, शाख, बेल की गिरी (गुद्दा) और फल व फल के छिलके औषधि के रूप में मानव जीवन के लिए उपयोग की माने जाते हैं। इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे बिल्व, बेल, श्रीफल, सदाफल, महाफल, आदि। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (Bael ke fayde in hindi) होता है।
बेल में पोषक तत्व (Bael Nutrition value in hindi)
आयुर्वेद के अनुसार बेल के अनगिनत फायदे (Bael benefits) होते हैं जिसके कारण बेल का प्रयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद में बेल को अत्यंत गुणकारी फल माना जाता है। यह एक ऐसा फल है जिसके पत्ते, जड़ और छाल भी उपयोगी होते हैं। बिल्व में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, खनिज तत्व, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्त्व न्यूट्रिशन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
इसके पत्तों में एंटी माइक्रोबियल, एंटी डायबिटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इन्ही औषधीय गुणों के कारण बेलपत्र को जड़ीबूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है।
बेल का प्रयोग (Bael uses in hindi)
इस का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता है यह कफ, वात, बदहजमी, दस्त, पाचन क्रिया, पेचिश, कब्ज डायबिटीज, मूत्र रोग, ल्यूकोरिया आदि रोगों में उपयोगी होती है। इसके अलावा पेट दर्द, हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल, पीलिया, बुखार, आंखों के रोग आदि में भी बेल का सेवन करने से लाभ मिलता है।
बेल के गुण (Bael ke Gun)
इसकी तासीर गर्म होती है यह वात कफ को शांत करने वाला, रुचिकारक, उत्तेजक, पाचन, दिल को मजबूती, बलगम को समाप्त करने वाला, शर्करा को कम करने वाला, दस्त या खूनी दस्त से राहत दिलाने वाला, स्वेतप्रदर, मासिकधर्म में खून अधिक आने, खूनी बवासीर आदि रोगों को नष्ट करने में मददगार होता है। इसके अलावा यह मांसपेशियों के दर्द, गठिया, वात रोग, पित्त व कफ नाशक तथा आँतो को भी ताकत देता है।
बेल के स्वास्थ्य लाभ (Bael ke fayde in hindi)
पाचन शक्ति के लिए बेल के फायदे
बदहजमी, भूख ना लगने तथा पाचन शक्ति कमजोर होने पर बेलगिरी चूर्ण, छोटी पीपली, वंशलोचन व मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से राहत मिलती है। इसके अलावा इसके पके हुए फल का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और गैस, अपच, कब्ज, बदहजमी आदि से छुटकारा मिलता है।
एनीमिया रोग में बेल के फायदे
एनीमिया या खून की कमी से छुटकारा पाने के लिए बेल के पत्तों के रस में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम नियमित सेवन करने से राहत मिलती है। और ब्लड में हीमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि होती है। इसके अलावा इसका नियमित सेवन करने से पीलिया रोग में भी लाभ मिलता है।
मधुमेह रोग में बेल के फायदे
बेल की छाल का पाउडर बनाकर या बेल के ताजे पत्तों का जूस निकालकर इसमें काली मिर्च चूर्ण मिलाकर साथ में पानी मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी में फायदा मिलता है।
इसके अलावा बेल के पत्ते, नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते तीनों को पीसकर इसकी पेस्ट या गोली बनाकर पानी के साथ सेवन करने से भी मधुमेह में लाभ मिलता है।
शारीरिक कमजोरी दूर करने में बेल के फायदे
पके हुए बेल के फल की बेलगिरी को सुखाकर इसका चूर्ण बनाकर मिश्री मिलाकर दूध के साथ नियमित सेवन करने से खून की कमी, शारीरिक कमजोरी, यौन कमजोरी, वीर्य की कमजोरी दूर होती है।
इसके अलावा बेल के पत्तों के चूर्ण में थोड़ा शहद मिलाकर सुबह-शाम नियमित सेवन करने से धातु रोग में भी लाभ मिलता है। यह पढ़ें~ शारीरिक दुर्बलता दूर करने के उपाय
पेट सम्बंधी रोगों में बेल के फायदे
पेट संबंधी रोगों से छुटकारा पाने के लिए सौ ग्राम बेलगिरी चूर्ण में 25 ग्राम सोंठ चूर्ण व 3 ग्राम इलायची का चूर्ण और 70 ग्राम मिश्री पाउडर को मिलाकर इस मिश्रण का एक-एक चम्मच सुबह-शाम नियमित सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और पेट संबंधी सभी रोगों में लाभ मिलता है।
इसके अलावा इसके फल के गुर्दे से शर्बत या जूस बनाकर सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ने के साथ भूख भी बढ़ती है।
ह्रदय के लिए बेल का प्रयोग (Heart me Bael ke fayde in hindi)
यह हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने में बहुत ही कारगर औषधि है। इसके लिए बेल पत्र और बेल के फल का सेवन करना लाभदायक होता है। नियमित बेल के फल के रस का सेवन करने से दिल की बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है।
इसके अलावा बेल के ताजे पत्तों का ज्यूस नियमित सुबह के समय सेवन करना कोलेस्ट्रोल, हाई बीपी व हृदय रोगों के लिए यह बहुत ही उपयोगी माना जाता है। यह पढ़ें~ ह्रदय रोग में आहार चार्ट
बेलपत्र ज्यूस के फायदे (Bael juice benefits in hindi)
इसमें एंटीफंगल और एंटीवायरस गुण होने के कारण बेल के पत्तों के रस का उपयोग घाव, सूजन, चोट आदि के दर्द में किया जा सकता है। क्योंकि यह घाव में होने वाले संक्रमण को फैलने से रोकने में उपयोगी होता है। बेलपत्र के जूस में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को पनपने से रोकने और उन्हें नष्ट करने के गुण होते है।
बेल का शर्बत (Bael sharbat benefits)
इस का प्रयोग आयुर्वेद की अनेक प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। इसका कच्चा फल चूर्ण बनाने, अधपका फल मुरब्बा बनाने और पका हुआ फल शर्बत बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अन्य तरीको से प्रयोग के साथ साथ बेल का शर्बत बनाकर गर्मियों के मौसम में सेवन करके इसके औषधियों गुणों का फायदा (Bael ke fayde in hindi) उठाया जा सकता है।
यह गर्मी व पेट के रोगों से मुक्ति दिलाने सहायक होता है। गर्मी की तपिश से बचने के लिए इसके फल का शर्बत बहुत लाभकारी होता है। यह शर्बत पाचन संबंधी समस्याओं, आँखों की रोशनी में कमी, पेट मे कीड़े और लू लगने जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में उत्तम होता है।
बेल की पत्तियां (Bael leaves benefits in hindi)
इसकी पत्तियों में टैनिन, लौह, कैल्सियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे रसायन पाए जाते है। इसकी पत्तियों को बेल पत्र कहा जाता है। वैसे तो इनका प्रयोग ज्यादातर शिव लिंग पर चढ़ाने में ही किया जाता है लेकिन बेल पत्र के स्वास्थ्य लाभ भी होते है। इसका सेवन अनेक बीमारियों में इलाज के रूप में करके इसका लाभ (Bael ke fayde in hindi) लिया जा सकता है।
बेल के अन्य प्रयोग (Other Uses of Bael in hindi)
इसके ऊपर बताये गए स्वास्थ्य लाभ के अलावा बेल का उपयोग करने के और भी बहुत से फायदे (Bael ke fayde in hindi) होते है जैसे
- बिल्व की तासीर गर्म होती है बेल के अंदर टैनिक एसिड, उड़नशील तेल, एक कड़वा तत्व और एक प्रकार का चिकना लुआबदार पदार्थ पाया जाता है।
- बेल की जड़, तत्वों और छाल में चीनी को कम करने वाले तत्व और टैनिन पाये जाते हैं।
- इसके फल के गूदे में मंरशेलिनीस तथा बीजों में पीले रंग का तेल होता है जो बहुत ही उत्तम विचेरण (पेट को साफ करने वाला) का काम करता है।
- बेल के कच्चे फलों को कैंडी, मुरब्बा या भूनकर सेवन करने से पेचिश, कब्ज, भूख ना लगना व पेट सम्बन्धी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है।
- पके हुए बेल के फल के गूदे का पाउडर बनाकर नियमित दूध के साथ सेवन करने से पुरानी से पुरानी जीर्ण संग्रहनी में लाभ होता है। गर्मियों के मौसम में इसका शर्बत बनाकर नियमित सेवन करना बहुत लाभकारी होता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने जाना बेल क्या है, बेल के औषधीय गुण, बेल पत्र के फायदे, बेल गिरी के फायदे, बेल जूस के फायदे, बेल का सेवन और इसके स्वास्थ्य लाभ और फायदे (Bael ke fayde in hindi) कौन कौन से है तथा बेल का प्रयोग किन रोगो में किया जाता है।
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