Apamarg ke fayde | अपामार्ग (चिरचिटा) के फायदे गुण और उपयोग

चिरचिटा के फायदे औषधीय गुण और नुकसान – Apamarg benefits in hindi

अपामार्ग का पौधा यानि Chirchita एक औषधीय वनस्पति माना जाता है Apamarg ka paudha खेतों, खाली पड़ी जमीन में, बाग बगीचा में बहुतायत में पाया जाता है Apamarg लगाने की जरूरत नहीं है यह खाली जगह में अपने आप ही उगने वाली वनस्पति है। अपामार्ग स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी और फायदेमंद जड़ी बूटी होता है।

आयुर्वेद में अपामार्ग का काफी महत्व होता है यह पौधा अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर करने में मददगार होता है। अनेक औषधीय गुणों का भंडार अपामार्ग का पूरा पौधा ही स्वास्थ्य के लिए गुणकारी माना जाता है। Apamarg की पत्तियों, तनों, फलों, बीजों व जड़ों का प्रयोग भिन्न भिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं में होता है।

अपामार्ग क्या है : What is apamarg in hindi

इसको अलग-अलग जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है इसे चिरचिटा, लटजीरा भी कहा जाता है इस वनस्पति का वैज्ञानिक नाम अचिरंथिस अस्पेरा (Achyranthes aspera) होता है अपामार्ग को चिरचिरा, आंधीझाड़ा ओंगा भी कहते हैं। गांव में या खेतों रहने वाले बड़े बुजुर्ग आज भी इस पौधे का प्रयोग औषधि के रूप में करते हैं।

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अपामार्ग के फायदे / Apamarg benefits in hindi 

चिरचिटा या अपामार्ग के पंचांग जैसे इसकी पत्तियां, टहनियां, फल, बीज, जड़ आदि का उपयोग औषधि के रूप में होता है। इस से तेल भी बनाया जाता है जिसे अपामार्ग क्षार तेल के नाम से जाना जाता है। इस तेल का प्रयोग भी अनेक स्वास्थ्य संबधी समस्याओं तथा स्किन प्रोब्लेम्स में व बालों के लिए किया जाता है।

अपामार्ग के औषधि गुण : Apamarg ka upyog aur fayde

कफ रोगों में अपामार्ग का उपयोग

अपामार्ग में लगने वाले फल भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं इसके फल का चूर्ण बनाकर सेवन करने से कफ संबंधी रोगों में लाभ मिलता है।

बुखार में अपामार्ग का सेवन

चिरचिटा यानी अपामार्ग की पत्तियों का सेवन गुड़ के साथ मिलाकर करने से किसी भी प्रकार के बुखार में लाभ होता है। जिन लोगों को लगातार बुखार या टाइफाइड बुखार होता है उनके लिए यह प्रयोग काफी फायदेमंद साबित होता है।

दांतों के लिए लाभकारी है अपामार्ग

दांतों व जाड़ के टूटने कमजोर होने या इनमें होने वाले किसी भी प्रकार के रोग से छुटकारा पाने के लिए अपामार्ग के पौधे को जलाकर बनाई गई इसकी राख या भस्म को नियमित मंजन के रूप में दांत पर मलने से लाभ होता है तथा दांतों के तमाम तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है।

इसके अलावा अपामार्ग की दांतुन रोज करने से दांत व जाड़ मजबूत होते हैं तथा इनमें कीड़ा भी नहीं लगता है।

स्किन सम्बंधी समस्याओं में अपामार्ग के फायदे

अपामार्ग की पत्तियों का प्रयोग स्किन संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। इसके लिए इसकी चिरचिटा की पत्तियों को कूटकर पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाने से फोड़े फुंसी, स्किन एलर्जी, गांठ जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

गुर्दे की पथरी में अपामार्ग के फायदे

किडनी की साफ सफाई करने में अपामार्ग बहुत ही उपयोगी होती है। किडनी स्टोन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपामार्ग की जड़ के 5 से 10 ग्राम चूर्ण को पानी में उबालकर नियमित पीने से गुर्दे की पथरी धीरे धीरे खुरना शुरू हो जाती है और थोड़े ही समय में गुर्दे की पथरी से छुटकारा मिलता है।

हड्डियों के लिए अपामार्ग के फायदे

यह हड्डियों, जोडों व मांसपेशियों की मजबूती के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। अपामार्ग टूटी हुई हड्डियों को दुबारा से जोड़ने की शक्ति रखता है। गठिया रोग से राहत दिलाने में भी अपामार्ग मददगार होता है।

महिलाओं के लिए अपामार्ग के फायदे

महिलाओं में होने वाली सभी तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलाने में अपामार्ग काफी मददगार माना जाता है।

शरीर के शुद्धिकरण में अपामार्ग का प्रयोग

बॉडी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में अपामार्ग काफी मददगार होता है तथा शरीर के अंदर शुद्धि रखता है। इसके लिए Apamarg के पंचाग या जड़ के चूर्ण का प्रयोग किया जाता है।

भूख को शांत करने में अपामार्ग का प्रयोग

अधिक मोटापा ग्रस्त लोग या जिन लोगों को भूख अधिक लगती है उनकी भूख को नियंत्रित करने के लिए अपामार्ग के बीजों से खीर बनाकर सेवन किया जाता है क्योंकि इससे भूख नियंत्रित रहती है तथा मोटापा घटाने में भी यह सहायक होता है। लगातार उपवास वगैरह रखने वाले कुछ दिन पहले इसकी खीर खाना शुरू कर देते हैं इससे काफी फायदा मिलता है।

शारीरिक कमजोरी दूर करने में अपामार्ग का उपयोग

शरीर में होने वाली किसी भी तरह की कमजोरी या शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए अपामार्ग का प्रयोग फायदेमंद होता है। इनके लिए अपामार्ग के बीजों को भूनकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर पाउडर बना लें तथा नियमित सुबह शाम एक एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से शरीर में पुष्टता आती है तथा कमजोरी दूर होकर शरीर बलशाली और ताकतवर बनता है।

बढ़े हुए पेट को कम करने में अपामार्ग का उपयोग

शरीर में जमा हुए अतिरिक्त फैट या जरूरत से ज्यादा बड़े हुए व लटकते हुए पेट को कम करने के लिए चिरचिटा या Apamarg की जड़ का पाउडर बनाकर एक चम्मच की मात्रा में पाउडर से काढ़ा बना लें तथा इसका 20 से 40 ग्राम की मात्रा में कालीमिर्च के साथ सुबह शाम भोजन से पहले सेवन करने से बढ़े हुए पेट का आकार कम होने लगता है।

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बवासीर में अपामार्ग के फायदे

पाइल्स यानी बवासीर की समस्या से राहत पाने के लिए आयुर्वेद के अनुसार अपामार्ग बहुत ही गुणकारी औषधि है इसके लिए अपामार्ग के बीजों को पीसकर नियमित सेवन करने से बवासीर से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा इसकी ताजी पत्तियों (Chirchita leaves) को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर बवासीर के मस्सों को धोने व मस्सों पर लगाने से इस रोग से राहत मिलती है।

अपामार्ग के प्रयोग : Apamarg ka prayog

Apamarg ke fayde

चिरचिटा के पौधे का प्रयोग : Apamarg ke paudhe ka prayog

अपामार्ग के पौधे का ज्योतिषीय प्रयोग भी किया जाता है लोग इसका प्रयोग बिजनेस में वृद्धि के लिए करते हैं अगर किसी को व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है तो रवि पुष्य नक्षत्र में श्वेत अपामार्ग के पौधे से पोटली बनाकर व्यवसायिक स्थान में रखी जाती है।

ऐसा करने से व्यापार में वृद्धि होती है तथा किसी प्रकार का किसी के द्वारा किया गया बन्धन, टोना टोटका, तंत्र-मंत्र निष्क्रिय हो जाता है। काम धंधे में बिजनेस में बढ़ोतरी होना शुरू हो जाती है।

अपामार्ग की जड़ का प्रयोग : Apamarg ki jad ka prayog

कुछ लोगों को शादी के बाद अधिक समय बीत जाने पर भी संतान की प्राप्ति नहीं हो पाती है ऐसे में अपामार्ग की जड़ का प्रयोग सहायक हो सकता है। इसके लिए लाल अपामार्ग की जड़ को जलाकर इससे बनाई गई भस्म यानी राख का सेवन गाय के दूध के साथ नियमित करने से शीघ्र ही संतान की प्राप्ति होती है।

  • अगर किसी के लाख कोशिश करने के बाद भी पैसा नहीं रुकता है यानी पैसे की बरकत नहीं होती है तो इसके लिए श्वेत अपामार्ग की जड़ को अपने पास रखने से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है तथा धन की आवक बढ़ती है।
  • गांवों में अक्सर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा से बचाने के लिए अपामार्ग की जड़ को धागे में बांधकर कमर में बांधा जाता है कहा जाता है कि इससे प्रसव शांतिपूर्ण व पीड़ारहित होता है।

अपामार्ग की पहचान : Apamarg ki pahchan kaise kare

अपामार्ग का पौधा खाली जमीनों, बाग बगीचा, पार्को आदि में आसानी से उगने वाला एक पौधा होता है तथा यह पौधा कांटेदार होता है। इसके ऊपरी भाग में निकलने वाली डालियों में छोटे-छोटे काटे काफी मात्रा में होते हैं।

इसके कांटे आसानी से कपड़ों पर चिपक जाते हैं अपामार्ग के कांटो का सिरा नीचे धरती की तरफ होता है तथा नीचे से ऊपर की तरफ हाथ या कोई कपड़ा लगने पर जोर से चुभते हैं यही इसकी सबसे बड़ी पहचान होती है।

FAQ

Q 1. अपामार्ग की जड़ का काढ़ा पीने से क्या फायदा है?

Ans  इसकी जड़ (Apamarg root) से काढ़ा बनाकर पीने के बहुत से फायदे होते हैं। जोड़ों में होने वाला दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सूजन, कमजोरी, कमर दर्द, घुटने का दर्द आदि में अपामार्ग की जड़ का काढ़ा पीना लाभकारी होता है। इसके अलावा इसकी जड़ को पीसकर पेस्ट बनाकर लेप करने से भी दर्द से राहत मिलती है। 

Q 2. अपामार्ग का दूसरा नाम क्या है?

Ans  यह (Chirchita) अपामार्ग अलग अलग जगह पर भिन्न भिन्न नामों से जाना और पहचाना जाता है। इसे चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा आदि नामों से जाना जाता है। अपामार्ग को अचिरांथिस अस्पेरा भी कहते है इसे लहचिचरा भी कहा जाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस लेख में हमने जाना अपामार्ग क्या है Apamarg ke fayde औषधीय गुण तथा अपामार्ग का सेवन किन किन रोगों में किया जाता है और हमनें Chirchita यानि अपामार्ग के ज्योतिषीय महत्व के बारे में भी जाना, इस लेख के बारे में अगर आपका कोई भी सुझाव या सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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में श्रवण बिश्नोई Nirogi Health का Founder और एक Professional Blogger हूँ। में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर आधारित स्वास्थ्य से संबधित जानकारियां इस ब्लॉग पर नियमित Publish करता रहता हूँ।

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