बबूल गोंद खाने के फायदे | किकर गोंद | kikar gond ke fayde | in hindi

कीकर गोंद खाने के क्या फायदे है (Babool gond ke fayde in hindi) बबूल गोंद खाने के फायदे और नुकसान

Babul gond ke fayde – पेड़ों से निकलने वाला गोंद औषधीय गुणों का खजाना होता है और उत्तम स्वास्थ्य के लिए यह फायदेमंद भी होता है। किकर गोंद या Babool gond के साथ-साथ इसके पेड़ के हर हिस्से का इस्तेमाल घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। निरोगी हेल्थ के इस आर्टिकल में जानते हैं बबूल गोंद के फायदे और नुकसान व Babool gond के औषधीय गुणों और इसका सेवन किन किन रोगों में किया जा सकता है आइए जानते हैं बबूल गोंद खाने के फायदे | किकर गोंद | kikar gond ke fayde | in hindi

कीकर गोंद औषधीय गुणों का भंडार होता है इसके इन्ही औषधीय गुणों के कारण Babool gond का विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। बबूल गोंद खाने के फायदे (Babul gond ke fayde) जानकर आप अनेक रोगो से बचें रह सकते हैं। जानिए सर्दियों में बबूल गोंद खाने के फायदे और सेवन करने के तरीके

इस Babool gond में पाए जाने वाले पोषक तत्व के अलावा इसमें बहुत से एंटीऑक्सीडेंट गुण और खनिज पदार्थ भी शामिल होते हैं। बबूल की गोंद का उपयोग करके ऐसी बहुत सी बीमारियों का निदान किया जा सकता है। जो आपके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है।

बबूल गोंद के पोषक तत्व क्या है (Acacia nutrition in hindi)

किकर की गोंद में अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस गोंद (Babool gond) में यूरोनिक एसिड, खनिज, कैल्शियम, मैग्नीशियम, गैलेक्टोज, अर्बिनो बायोसिस, एल्डोवियो और ग्लूकोसाइड जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसमें मौजूद इन्ही पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के कारण इसको सेहत के लिए गुणकारी माना जाता है।

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बबूल गोंद का उपयोग कैसे करें (Babool gond ka upyog)

किकर गोंद या Babool gond का उपयोग निम्न तरीकों से करना लाभदायक होता है जैसे

  • बबूल गोंद का सेवन पानी में मिलाकर किया जा सकता है।
  • इस गोंद को घी में भूलकर भी खाया जा सकता है।
  • इसका सेवन सूप बनाने में या सूप को कड़ा बनाने में किया जा सकता है।
  • बबूल गोंद का सेवन दही या छाछ के साथ मिलाकर किया जा सकता है।
  • इस गोंद को घी में भूनकर इसको किसी भी प्रकार के लड्डू या पिनिया बनाने में भी किया जा सकता है।

किकर गोंद का का सेवन किन रोगो में किया जाता है : Home remedies for Babool gond in hindi

बबूल की छाल, जड़, पत्तियां, फलियां, गोंद आदि का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता आ रहा है। आयुर्वेद के जानकार सदियों से इसका प्रयोग कर रहे हैं। इसमें बबूल की गोंद भी हमारे शरीर की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने में बहुत ही फायदेमंद होती है। किकर गोंद का आयुर्वेदिक उपचार में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

यह गोंद पुरुषों में मर्दाना कमजोरी, धातु रोग, गुप्त रोग, डायबिटीज, पेट की समस्याएं, मोटापा, कमरदर्द, महिलाओं के गुप्त रोग आदि समस्याओं से छुटकारा दिलाने में काफी कारगर औषधि है। यह पोषक तत्वों का खजाना है।

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डायबिटीज में कीकर गोंद का सेवन

शुगर एक आम बीमारी है इससे बचना चाहते हैं तो बबूल गोंद आपकी काफी मदद कर सकता है। आयुर्वेद के अध्ययन के अनुसार इसके इस्तेमाल से सीरम ग्लूकोज के स्तर को कम किया जा सकता है। इसके अलावा किकर गोंद हानिकारक कोलेस्ट्रोल LDL को कम करता है। और अच्छे कोलेस्ट्रोल HDL को बढ़ाने में सहायक होता है।

यह गोंद मोटापे को नियंत्रित रखकर डायबिटीज के खतरे से बचाता है। मधुमेह रोगी को हर समय भूख लगती रहती है। इसका समाधान बबूल गोंद से किया जा सकता है। बार-बार खाने की आदत को नियंत्रित करके शरीर में रक्त शर्करा (Blood sugar) को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए बबूल गोंद का नियमित सेवन करना लाभदायक होता है।

वजन घटाने में कीकर गोंद का सेवन

ज्यादा मोटापा बहुत सी बीमारियों का कारण होता है। बबूल गोंद वजन को नियंत्रित रखता है साथ ही अधिक वसा को भी कम करता है। यह गोंद डाइटरी फाइबर से भी भरपूर होती है जो वजन घटाने यानि Weight loss में मदद करता है।

बबूल गोंद का नियमित सेवन करने से आपको अतिरिक्त भूख का एहसास नहीं होगा जो कि मोटापे का मुख्य कारण होता है। इसलिए यदि मोटापे और इससे संबंधित अन्य समस्याओं से बचना चाहते हैं तो बबूल गोंद का नियमित सेवन कर सकते हैं।

वजन घटाने के लिए इसका सेवन पानी में घोलकर भी कर सकते हैं और गोंद को घी में भूनकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है।

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कमर व घुटनों के दर्द में कीकर गोंद

आजकल कमर और घुटनों के दर्द की समस्या एक आम समस्या है इससे बचने के लिए बबूल की फलियों का चूर्ण बनाकर इसमें बराबर मात्रा में मिश्री या शक्कर मिलाकर इस चूर्ण का एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ नियमित सेवन करने से कमर व घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलता है।

कमर दर्द की समस्या होने पर बबूल की छाल, फलिया और Babool gond तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छानकर रख ले, इस मिश्रण की एक एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से कमर और घुटनों के दर्द से राहत मिलती है।

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कैंसर में कीकर गोंद का सेवन

कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी से बचाने में बबूल गोंद मददगार होता है। इसमें एंटीकार्सिनोजेनिक (Anticarcinogenic)प्रभाव पाए जाते हैं जो कैंसर सेल्स को खत्म करने में काफी मदद करते है।

इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण खाद्य पदार्थों के द्वारा आने वाले हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके कैंसर की संभावना को कम करता है। इस गोंद का उपयोग कुछ दवाओं और खाद्य पदार्थों में भी किया जाता है।

इसमें मौजूद फाइबर आपके शरीर में खराब कोलेस्ट्रोल LDL को दूर करने और अच्छे कोलेस्ट्रोल HDL के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है जो कैंसर जैसी गंभीर समस्या से बचाता है। इसलिए बबूल की गोंद का नियमित सेवन करना कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से हमारी रक्षा करता है।

पेट सम्बन्धी समस्या में कीकर गोंद

बबूल की गोंद में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह पेट में अतिरिक्त गैस के उत्पादन और पेट की सूजन को कम करता है। गैस और सूजन होने पर पेट में दर्द होता है। यह गोंद आंतों को भी स्वस्थ और साफ रखता है। ज्यादा कब्ज रहने से पेट की समस्याएं उत्पन्न होती है। यदि उचित मात्रा में फाइबर का उपयोग करते हैं तो यह मल त्याग में आने वाली समस्याओं को कम कर सकता है।

इसलिए नियमित रूप से बबूल गोंद का थोड़ी सी मात्रा में सेवन करने से यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और पाचन तंत्र ठीक होने से पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न नहीं होती।

पुरुषों के धातु रोग में कीकर गोंद

पुरुषों के लिए Babool gond बहुत फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से वीर्य की कमी की समस्या दूर होती है। और पोरुष बढ़ता है। किकर के गोंद के सेवन से चुस्ती, फुर्ती और ताजगी बनी रहती है। इसको घी के साथ भूनकर मिश्री मिलाकर खाने से शरीर शक्तिशाली और बलशाली हो जाता है।

किकर की 100 ग्राम गोंद को घी में भून लें फिर इस को पीसकर इसमें 50 ग्राम पिसी हुई असगंध मिलाकर छानकर इसका 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गर्म दूध के साथ सेवन करने से शीघ्रपतन और वीर्य दोष की समस्याएं दूर होती है।

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तनाव कम करने में बबूल गोंद का सेवन

आजकल हर कोई तनाव की समस्या से परेशान है लेकिन कीकर का गोंद इसके प्रभाव को कम करने में बहुत ही लाभदायक होता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो तनाव को कम करने में मददगार होते हैं।

इसलिए चिंता, अवसाद, तनाव जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस Babool gond का उपयोग काफी मददगार होता है।

त्वचा सम्बन्धी समस्याओं में कीकर गोंद

कीकर गोंद (Babool gond) एक्जिमा यानी स्किन इंफेक्शन से राहत दिलाने में उपयोगी होता है। त्वचा में जलन, खुजली, रूखेपन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में यह गोंद फायदेमंद होता है। इसमें पाए जाने वाले ओषधीय गुणों के कारण यह त्वचा के रोगों को ठीक करने में बहुत उपयोगी होता है।

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बबूल गोंद के नुकसान क्या है (Side effects of thorny acacia in hindi)

  • इसका (Babool gond) अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त की समस्या हो सकती है।
  • इसके सेवन से शरीर मे सूजन की समस्या भी हो सकती है।
  • अत्यधिक मात्रा में गोंद का सेवन करने से मुंह का स्वाद भी खराब हो सकता है।
  • कई लोगों को बबूल गोंद के सेवन से घबराहट, मतली व गैस जैसी समस्या भी हो जाती है।
  • जिन लोगों को कीकर गोंद से एलर्जी हो सकती है उनको इसका उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • इस गोंद का ज्यादा सेवन करने से कुछ लोगों में श्वसन सम्बन्धी समस्याएं पैदा हो सकती है।

FAQ : कीकर गोंद को लेकर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. खाने वाला गोंद कितने प्रकार का होता है?

Ans  वैसे तो गोंद बहुत प्रकार के होते हैं लेकिन मुख्यतः कीकर या बबूल गोंद, नीम गोंद, आम गोंद, हींग गोंद आदि होते हैं। इसके अलावा सहजन, बेर, पीपल, अर्जुन आदि पेड़ों के गोंद में औषधिय गुण पाएं जाते हैं।

Q2. बबूल की फलियां खाने के क्या फायदे हैं?

Ans इस की फलियां खाने से शरीर को प्रचुर मात्रा में ऊर्जा की प्राप्ति होती है और शरीर हष्ट पुष्ट और बलवान बना रहता है। इसके लिए बबूल की फलियों को पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर इसका एक चम्मच की मात्रा में नियमित सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करना लाभदायक होता है।

Q3. बबूल की पत्तियां खाने से क्या होता है?

Ans बबूल की पत्तियों का प्रयोग किसी घाव को ठीक करने में किया जाता रहा है क्योंकि  इसकी पत्तियां ब्लड को बहने से रोकने में सहायक होती है। इसके साथ ही ये पत्तियां संक्रमण से भी बचती है।

Q4. क्या बबूल की छाल भी फायदेमंद होती है?

Ans  बबूल की छाल कफ, सफेद दाग, पेट मे कीड़े, सूजन, शरीर मे दर्द, मूत्र सम्बन्धी समस्याएं, सक्रमण रोकने में, मुह के छाले, खांसी, महिलाओं के रोग, पीलिया, टॉन्सिल, एसिडिटी और त्वचा के रोगों से राहत दिलाने में उपयोगी होती है। इसके साथ ही यह छाल दाँतों के रोग या दाँतों की सफाई के लिए बहुत ही कारगर औषधि होती है।

Babool gond के सेवन को लेकर सावधानियां

लिवर और गुर्दे के रोगी गोंद (Babool gond) का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परमर्श अवश्य करे अधिक मात्रा में बबूल की गोंद का प्रयोग करने से एलर्जी,साँस और त्वचा सम्बन्धी समस्या यानि skin problems हो सकती है गर्भवती महिलाएं भी इसका सेवन चिकित्सक की सलाह पर करे।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस आर्टिकल में हमने जाना बबूल गोंद क्या है इसके औषधीय गुण और कीकर गोंद या बबूल गोंद के फायदे और नुकसान (Babul gond ke fayde aur nuksan) क्या है तथा इसका उपयोग किन किन बिमारियों में किया जा सकता है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो कमेंट में लिख सकते है।

इस आर्टिकल में लिखी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। अतः किसी भी सुझाव को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेवें।

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 -: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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