फैटी लिवर का रामबाण इलाज | घरेलू उपचार | Liver treatment at home | in hindi

लिवर की सूजन का इलाज : Fatty liver treatment in hindi

यह आर्टिकल फैटी लिवर का रामबाण इलाज यानि Liver treatment घरेलू उपचार के बारे में है। आज के समय में लिवर की समस्या (Liver problem) आम हो गई है। Liver हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है। हमारे शरीर में भोजन पचाने से लेकर पित्त बनाने तक का काम लिवर ही करता है।

लिवर का मुख्य कार्य पाचन तंत्र (Digestive system) से आने वाले रक्त को अन्य अंगों तक पहुंचाने से पहले शुद्ध करना होता है। आयुर्वेद के कुछ घरेलू उपायों को आजमाकर फैटी लिवर का रामबाण इलाज (Liver treatment) किया जा सकता है। आइये जानते है फैटी लिवर का रामबाण इलाज | घरेलू उपचार | Liver treatment at home | in hindi

लिवर क्या है : what is liver in hindi

LIVER हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है। यह शरीर को संक्रमण से लड़ने, रक्त शर्करा या ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने, शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने, फैट को कम करने तथा प्रोटीन बनाने में भी लिवर अहम भूमिका निभाता है। इसके साथ मोटापे के कारण भी यह समस्या यानि Liver problem हो सकती है।

लिवर भोजन पचाने और उसे अवशोषित करने में आंतों की सहायता करता है। लिवर का मुख्य कार्य पाचन तंत्र से आने वाले रक्त को अन्य अंगों तक पहुंचाने से पहले शुद्ध करना होता है। इसके अलावा लिवर दवाओं को पचाने में भी मददगार होता है।

लिवर के मुख्य रोग क्या है – Major liver diseases in hindi

LIVER का कार्य शरीर की पाचन क्रिया से जुड़ा होता है। इसी कारण शरीर में लिवर का बहुत महत्व होता है। इसलिए इसे स्वस्थ रखना बहुत जरूरी होता है। लिवर के मुख्य रोग जैसे लिवर की गर्मी, सूजन, कमजोरी, लिवर में इन्फेक्शन, फैटी लिवर, लिवर कैंसर, पीलिया, हेपेटाइटिस बी व सी और लिवर सोरायसिस आदि होते है।

यह कुछ ऐसे रोग हैं जिनके कारण शरीर की कार्य क्षमता कम होने लगती है और शरीर में कमजोरी आने लगती है व इम्यून सिस्टम कमजोर होकर अनेक शारीरिक समस्याएं उतपन्न होने लगती है। इसलिए इसका उपचार (Liver treatment) समय रहते करना जरूरी होता है।

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फैटी लिवर क्या है – what is fatty liver in hindi

आयुर्वेद में liver का संबंध पित्त से बताया गया है। पित्त के दूषित होने के कारण हमारा लिवर रोग ग्रस्त हो जाता है। दूषित पित्त ही फैटी लिवर जैसे रोगों को जन्म देता है।

अनियंत्रित खानपान व अल्कोहल आदि से लिवर में विषाक्त तत्व जमा होने लगते हैं। इसके कारण लिवर को सामान्य से अधिक कार्य करना पड़ता है। जिसके कारण लिवर में सूजन आ जाती है।

लिवर की कोशिकाओं में कुछ मात्रा में वसा का होना सामान्य है। लेकिन जब वसा की मात्रा लिवर के भार से 10% अधिक हो जाती है।

ऐसी स्थिति में लिवर सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। यही फैटी लिवर कहलाता है। इसका समय पर इलाज (Liver treatment) जरूरी होता है।

फैटी लिवर होने के कारण – Due to fatty liver in hindi

अत्यधिक अल्कोहल का सेवन करने, अत्यधिक दवाओं का सेवन करने, अत्यधिक मात्रा में भोजन करने, अनुचित मात्रा में फैट युक्त भोजन करने आदि कारणों से फैटी लिवर जैसे रोग होने की संभावना बढ़ती है। इसके और भी बहुत से कारण हो सकते है जैसे

  • हमारे शरीर के रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना ।
  • पीने के पानी में क्लोरीन की अत्यधिक मात्रा का होना।
  • मोटापा डायबिटीज या मधुमेह आदि रोग होना। 
  • अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन करना।
  • ज्यादा मसालेदार खाने का सेवन करना।
  • दर्द निरोधक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल के कारण।
  • स्टेरॉयड asprine या Tretaciline जैसी दवाओं का सेवन लंबे समय तक करना।
  • वायरल हेपेटाइटिस जैसी समस्याओं के कारण।
  • अनुवांशिकता भी एक कारण है।

फैटी लिवर के लक्षण – Symptoms of fatty liver in hindi

फैटी लिवर की समस्या होने पर भोजन करने के बाद अफारा और दर्द होना आम बात होती है क्योंकि भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। अगर ऐसे लक्षण हो तो तुरंत इलाज यानि Liver treatment कराना चाहिए। इसके और भी बहुत से लक्षण है जैसे 

  • पेट के दाएं भाग के ऊपरी हिस्से में दर्द होना।
  • लिवर अगर ठीक से काम न करें तो मुंह से बदबू आती है। और मुंह का स्वाद भी खराब होने लगता है।
  • गहरे पीले रंग का पेशाब आना लिवर की गर्मी और सूजन के सिम्टम्स है।
  • पेट में सूजन होना ।
  • लिवर की कमजोरी और इंफेक्शन होने पर भूख न लगना, सीने में जलन, पेट में गैस और भारीपन जैसी समस्याएं होती है।
  • भोजन का ठीक से नहीं पचना जिससे एसिडिटी की समस्या होना।
  • आंखों में और त्वचा में पीलापन दिखाई देना।
  • कमजोरी महसूस होना और वजन कम होना। 

फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए – Fatty liver treatment at home in hindi

फैटी लिवर का रामबाण इलाज | घरेलू उपचार | Liver treatment at home | in hindi
Fatty liver

मुलेठी का सेवन 

मुलेठी का सेवन पेट संबंधी विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में मुलेठी का सेवन लिवर की समस्याओं को दूर करने में बहुत सहायक होता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी (Anti inflammatory) और ग्लिसराइजिक एसिड (Glycyrrhizic acid) भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार है।

लिवर को साफ और स्वस्थ रखने या Fatty Liver treatment के लिए नियमित मुलेठी के चूर्ण का इस्तेमाल जल के साथ करने से लाभ मिलता है।

गिलोय का सेवन 

गिलोय परिसंचरण व पाचन तंत्र को सुधारती है। इसमें बहुत से शक्तिवर्धक गुण पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर की संपूर्ण प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं। गिलोय नए ऊतकों के निर्माण में भी सहायक होती है।

यह शरीर में प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओ को भी उत्तेजित करती है। गिलोय को फैटी लिवर नॉन एल्कोहोलिक (Non alcoholic) के दोष की सफाई के लिए उत्तम जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है।

लिवर की समस्या में गिलोय चूर्ण, अर्क व काढ़े के रूप में प्रयोग करने से लाभ मिलता ही है। इसके अलावा गिलोय की पत्तियां Liver treatment के लिए काफी फायदेमंद होती है। क्योंकि इन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं। जो लिवर को दुरुस्त रखने में मददगार होते हैं।

दूध में हल्दी का सेवन 

हल्दी वाला दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी में फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक और पोटेशियम के साथ-साथ अनेक पोषक तत्व भी होते है ।

वही दूध में कैल्शियम, विटामिनस और न्यूट्रीशन होते हैं। नियमित दूध में हल्दी मिलाकर इसका सेवन करने से हैपेटाइटिस बी को रोकने में मदद मिलती है।

इसके अलावा हल्दी वाला दूध वजन भी नियंत्रित रखता है और यह मधुमेह में भी लाभदायक है। आयुर्वेद के अनुसार दूध में हल्दी मिलाकर इसका नियमित रात को सोते समय सेवन करना फैटी लिवर की समस्या से भी निजात दिलाता है। Fatty Liver treatment का यह अच्छा घरेलू उपाय है। 

आंवला का सेवन 

आंवला हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा आहार होता है। आंवले में विटामिन सी, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और कैरोटीन जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं। आंवला हमारे शरीर के ब्लड को भी साफ करता है। और मोटापा भी नहीं होने देता।

इसलिए आंवले का किसी भी रूप में इस्तेमाल करना लाभदायक होता है। आंवले का जूस, आंवला चूर्ण, आंवला कैंडी और आंवला मुरब्बा आदि किसी भी तरह आंवले का सेवन करना फैटी लिवर की समस्या में राहत दिलाता है।

भूमि आंवला का सेवन

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार भुई आंवला एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय पौधा होता है। भूमि आंवला यकृत यानि लिवर की सबसे प्रमाणिक औषधि माना जाता है। कांच व लोहे की कील खाने वालै बाजीगर भी इसके पौधे का रस पीकर सबकुछ आसानी से पचा लेते है।

बरसात के बाद आपने घर आंगन में इसके छोटे छोटे पौधों को देखा होगा जिसको उखाड कर नीचे देखे तो इसके पत्तो के नीचे छोटे छोटे आंवले की तरह के फल होते है इसे ही भूमि आंवला कहते है।

भूमि आंवला की आठ से दस पतियों को रोज सुबह खाली पेट चबाकर खाने से कुछ ही दिनों में लिवर से संबधित रोगों का इलाज (Liver treatment) होकर लिवर स्वस्थ हो जाता है।

हरीतकी का सेवन 

हरीतकी का प्रभाव स्त्री प्रजनन, पाचन, स्वशन और उत्सर्जन प्रणाली पर पड़ता है। इसका इस्तेमाल पेट फूलने, पीलिया, ट्यूमर, अस्थमा, पेट दर्द, बवासीर, मुंह के छाले, खुजली, दस्त, पाचन संबंधी समस्याएं आदि के इलाज में किया जाता है।

नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग (Fatty liver treatment) व लिवर से संबंधित अन्य किसी भी प्रकार के रोगों को नियंत्रित करने में भी हरीतकी लाभदायक है। यह लिवर को शक्ति देने में सहायक होती है। 

सेब का सिरका का सेवन 

सिरका यानि Apple cider vinegar लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। यह लिवर में जमे फैट को भी कम करने में सहायक होता है।

इसलिए लिवर से जुडी तमाम तरह की समस्याओं में एक गिलास सादे जल में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर इसका नियमित इस्तेमाल करना लाभदायक होता है। सिरका Liver treatment करने के साथ साथ शरीर का वजन भी घटाने यानि Weight loss में काफी मददगार होता है। 

दालचीनी का सेवन 

फैटी लिवर के लिए दालचीनी सबसे असरदार औषधि है। इसमें पाए जाने वाले सूजन रोधी गुण ज्यादा अल्कोहल के सेवन के कारण लिवर में आई सूजन को कम करते हैं तथा दालचीनी लिवर को हैल्दी करने में सहायक होती है।

एक गिलास पानी में आधा चम्मच दालचीनी मिलाकर उबाल लें, उबल जाने के बाद छानकर ठंडा करके इसका सेवन सुबह के समय नियमित करने से फैटी लिवर की समस्या में राहत मिलती है तथा लिवर से जुड़े रोगों का इलाज (Liver treatment) होता है।

नींबू पानी का सेवन 

नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो कि पावरफुल एंटी ऑक्सीडेंट होता है। यह लिवर की कोशिकाओं को रेडिकल डैमेज होने से रोकता है। नींबू Liver treatment के साथ साथ पेट के समस्त रोगों में भी गुणकारी होता है। 

इसलिए सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक नींबू का रस मिलाकर एक चम्मच शहद मिलाकर इसका नियमित सेवन करने से फैटी लिवर में लाभ होता है। नींबू का सेवन लिवर के इलाज यानि Fatty liver treatment के साथ साथ त्वचा संबधी समस्याओं, वजन कंट्रोल रखने में भी सहायक होता है। 

Liver treatment
Fatty liver

Liver treatment के लिए जीवनशैली में बदलाव 

लिवर को स्वस्थ रखने और Fatty iver treatment के लिए अपनी दिनचर्या और खानपान की आदतों में भी कुछ सामान्य से बदलाव करना आवश्यक होता है।

  • नियमित ताजे फल और हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो उनका सेवन करें जैसे कि साबुत अनाज और फलियाँ।
  • समुंद्री नमक और सफेद चीनी का इस्तेमाल न करें या बहुत कम मात्रा में करें।
  • लहसुन को अपने आहार में अवश्य शामिल करें।
  • करेले का ज्यूस और पालक, गाजर,व चुकंदर का ज्यूस का नियमित सेवन करें।
  • फास्ट फूड, जंक फूड, तेल, मिर्च मसाले आदि का सेवन ना करें या बिल्कुल कम करें।
  • अल्कोहल का सेवन बिलकुल बंद कर दें।

FAQ : फैटी लिवर में पूछे जाने वाले सवाल जबाब

Q 1. फैटी लिवर को कम कैसे किया जा सकता है ?

Ans. इसके यानि Fatty iver treatment के लिए अल्कोहल या शराब का सेवन बंद करें और नियमित भोजन में लहसुन का प्रयोग बढ़ा दे यह फैट को जमा होने से रोकता है। इसके अलावा नियमित ग्रीन टी का सेवन करने से भी लाभ मिलता है।

Q 2. फैटी लिवर कितने प्रकार का होता है ?

Ans.  इसकी समस्या मुख्यतः दो प्रकार की होती है अल्कोहोलिक फैटी लिवर और नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर

Q 3.  क्या फैटी लिवर की समस्या में दूध का सेवन कर सकते हैं ?

Ans.  फैटी लिवर से ग्रसित रोगी को दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग दूध को आसानी से पचा नहीं पाएंगे और लिवर पर फैट जमा हो सकता है। इसलिए Liver treatment करने के बाद दूध पीया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों आज के लेख में हमने जाना फैटी लिवर क्या है लिवर के फैटी होने के कारण, लक्षण और इसका घरेलू इलाज Fatty liver treatment क्या है तथा लिवर को हैल्दी रखने के लिए क्या खाना चाहिए इस लेख के बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में लिख के जरूर बताएं।

इस आर्टिकल में लिखी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। अतः किसी भी सुझाव को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेवें।

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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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