डाइबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार|treatment for diabetes |in hindi

शुगर का घरेलू इलाज (Treatment for Diabetes Patient in hindi) मधुमेह रोग का इलाज

भारत ही नहीं पुरे विश्व में आजकल डायबिटीज रोग या मधुमेह के रोगी बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। अनियमित खानपान, जीवनशैली में बदलाव, शारीरिक एक्टिविटी न करना व अत्यधिक तनाव आदि के कारण डायबिटीज रोग यानि शुगर की बीमारी बढ़ती ही जा रही है।

डायबिटीज रोग का घरेलू इलाज (Treatment for diabetes) करने के लिए अपने खानपान और दिनचर्या में बदलाव के साथ कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूंटियाँ भी कारगर होती है।

Treatment for Diabetes in hindi

इस आर्टिकल में जानेंगे की डाइबिटीज क्या है, इसके लक्षण व डायबिटीज रोग का इलाज (Treatment for diabetes) शुगर का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment for diabetes) क्या है। डायबिटीज में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए डाइबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार|treatment for diabetes |in hindi

डायबिटीज रोग क्या है (Diabetes kya hai)

मधुमेह के कारण व्यक्ति का अमाशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन को ठीक प्रकार से प्रतिक्रिया नहीं देती।

ग्लूकोस को अन्य कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम इंसुलिन का होता है और मधुमेह के रोगी के शरीर में इंसुलिन बनना बंद व कम हो जाता है जिस कारण शरीर में चीनी अथवा ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है।

अनुचित आहार, व्यायाम न करना, शारीरिक Activity न करना, अत्यधिक तनाव आदि कारणों से व्यक्ति के त्रिदोष वात, पित्त, और कफ असंतुलित हो जाते हैं और डायबिटीज रोग को जन्म देते हैं

शरीर में पेनक्रियाज नामक ग्रंथि के ठीक से काम न करने के कारण डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज के लक्षण (Diabetes symptoms in hindi)

बीमारी के शुरुआत में इसके लक्षणों को पहचान कर बीमारी का पता लगाया जा सकता है और इस बीमारी के कारण होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। इस बीमारी के बहुत से लक्षण होते है जैसे

  • बार बार पेशाब लगना
  • भूख अधिक लगना
  • वजन काम होना

यदि समय पर इसका उपचार (Treatment for diabetes) न किया जाए तो डायबिटीज रोग कई जटिलताओं का कारण बन सकता है।

डायबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार (Home Remedies for Diabetes in hindi)

मधुमेह की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज (Treatment for diabetes in hindi) करने के लिए यह उपाय कारगर माना जाता है।

1 मेथी दाना 150 ग्राम 

2 तेजपत्ता  100 ग्राम

3 आंवला चूर्ण 150 ग्राम

4 जामुन के बीज 150 ग्राम

5 बैल के पत्ते 100 ग्राम

इन सभी को सुखाकर पीसकर पाउडर बनाने सुबह नाश्ते से एक घंटा पहले वह शाम को खाने से एक घंटा पहले एक एक चम्मच गुनगुने जल से सेवन करें 40 दिन नियमित सेवन करें इससे डायबिटीज रोग में बहुत ज्यादा राहत मिलती है।

डायबिटीज में क्या खाना चाहिए  (Diabetes mein kya khana chahiye)

शुगर की बीमारी का इलाज (Treatment for diabetes) करने के लिए घरेलू नुस्खों के साथ साथ खान पान की कुछ आदतों में भी बदलाव करना जरूरी होता है। आयुर्वेद के अनुसार कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है जिनका डायबिटीज में सेवन किया जाना लाभदायक होता है।

  • करेला, ककड़ी, खीरा, टमाटर, शलगम, लौकी, तुरई पालक, मेथी, गोभी यह सब खाना चाहिए।
  • फलों में सेव, अनार, संतरा, पपीता, जामुन, अमरूद आदि का सेवन करें।
  • डायबिटीज के रोगी को 40 मिनट की नियमित सैर व व्यायाम जरूर करना चाहिए।
  • अमलतास व तुलसी की पत्तियां दोनों का चार पांच चम्मच रस निकालकर सुबह खाली पेट पीना चाहिए। करेला जूस भी नियमित सेवन करने से मधुमेह नियंत्रित रहता है।
  • शुगर के रोगी को आंवले का चूर्ण या आंवले का जूस दोनों में से कोई भी हो 10 ग्राम में 1 ग्राम हल्दी पाउडर और 1 ग्राम दालचीनी मिलाकर नियमित सेवन करना लाभदायक होता है।
  • इन सबके अलावा शुगर के रोगी फाइबर का उपयोग प्रचुर मात्रा में करें शुगर के रोगी मिश्रित अनाज का उपयोग करें जिसमें गेहूं ,जौ ,चना ,बाजरा ,ज्वार इन सभी को मिलाकर आटे की रोटी का उपयोग सुबह-शाम नियमित रूप से करें।
  • जामुन के फल छाया मई सुखाकर इनका बारीक़ पाउडर बनाकर साथ में थोड़ा सा काला नमक मिलाकर गुनगुने जल के साथ नियमित सेवन करने से मधुमेह में बहुत लाभ मिलता है।
  • रात को सोने से पहले दो चमच मेथी के दाने मिटी के बर्तन में भिगो दे सुबह उठ कर मेथी दाना चबा चबा कर खाये और पानी पी ले इससे भी राहत मिलती है।
  • सुबह उठ कर करेले का जूस का भी नियमित सेवन करने से शुगर नियंत्रित रहता है।
  • अलसी के बीज का चूरन 10 ग्राम मात्रा गुनगुने पानी के साथ नियमित सेवन करना लाभ दायक होता है।

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डायबिटीज टाइप 2 के उपचार (Treatment for diabetes type 2 in hindi)

जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके डायबिटीज की बीमारी का घरेलू इलाज (Treatment for diabetes) व इस रोग से बचा जा सकता है।

टाइप-1 डायबिटीज में शरीर के इंसुलिन बनाने वाले सेल्स पूरी तरह डैमेज हो जाते हैं। इसे मैनेज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इंसुलिन बाहर से ही लेनी पड़ती है।

अनियंत्रित डायबिटीज अंधापन, गुर्दे की विफलता, हृदय रोग और गंभीर स्थितियों के कारण बनती है। जबकि टाइप-2 डायबिटीज रोग को नियंत्रण किया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे

नियमित फाइबर का सेवन

एक व्यस्क व्यक्ति को नियमित 2000 कैलोरी आहार पर 25 ग्राम फाइबर का सेवन अवश्य करना चाहिए। इसके लिए भोजन में हरी मटर, साबुत या मोटे अनाज, छिलके सहित एप्पल, दलिया, आदि को शामिल करें।

नियमित प्रचुर मात्रा में फाइबर का सेवन करने से आंतें हेल्थी रहती है और वजन भी नियंत्रित रहता है।

पाचन तंत्र में फाइबर और पानी मिलकर एक जैल बनते है जो भोजन पचाने की दर को संतुलित रखने में सहायक है इससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से नहीं बढ़ता है।

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विटामिन डी का सेवन

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में विटामिन डी अहम भूमिका निभाता है। जिन लोगों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलता, उन्हें डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार विटामिन डी टाइप टू डायबिटीज का खतरा  44 प्रतिशत तक कम करता है।

विटामिन डी के अच्छे स्रोतों में वसायुक्त मछली, दही, संतरे का जूस, आदि खट्टे पदार्थ होते हैं। इसके अलावा धूप से भी विटामिन डी पर्याप्त किया जा सकता है इसके लिए हफ्ते दो से तीन बार कम से कम 30 मिनट तक धूप में जरूर बैठना चाहिए।

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नियमित शारीरिक एक्टिविटी करना

एक्सरसाइज कोशिकाओं की इन्सुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाती है। इससे ब्लड में शुगर नियंत्रित रहता है। मध्यम- तीव्रता वाली एक्सरसाइज से इंसुलिन की संवेदनशीलता 51 प्रतिशत और high-density एक्सरसाइज से 85 प्रतिशत तक बढ़ती है।

डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए ऐसी एक्सरसाइज करें जिससे हर हफ्ते कम से कम 2000 कैलोरी बर्न  होती हो। जैसे हफ्ते में 5 दिन 40 से 45 मिनट तेज कदमों से वॉक, साइकिलिंग, स्विमिंग, एरोबिक आदि।

यह एक्सरसाइज पेनक्रियाज की भी एक्सरसाइज करके इसे मजबूत करती है और इसकी कार्यक्षमता बढ़ाती है।

नियमित हर घंटे 5-7 मिनट वॉक करना

जो लोग लगातार अधिक समय तक बैठे रहते हैं उनमें डायबिटीज का खतरा 92 फीसदी तक बढ़ जाता है। बच्चों पर हुई एक रिसर्च के अनुसार एक घंटे लगातार स्क्रीन के सामने बैठे रहने से इंसुलिन संवेदनशीलता में 8.7 फ़ीसदी की कमी आती है।

इसलिए हर घंटे  कम से कम 5 से 7 मिनट की वॉक करना डायबिटीज से बचने के लिए आवश्यक होता है।

ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी का नियमित सेवन

नियमित ब्लैक कॉफी पीने से टाइप टू डायबिटीज का खतरा 8 फीसदी तक कम हो जाता है। कॉफी और चाय में पॉलिफिनॉल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं और ग्रीन टी में एपीगैलोकेटचीन गैलेट नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करता है।

कॉफी और ग्रीन टी में कैफीन भी पाया जाता है जो पाचन क्रिया (Digestive system) को तेज करता है इससे वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।

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्हाइट फ़ूड, फास्टफूड का सेवन कम करें

तेजी से पचने वाले पदार्थों का अधिक सेवन करने वालों में डायबिटीज का खतरा 40% अधिक होता है। इनसे इंसुलिन बनने की क्षमता कम हो जाती है और ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ता है।

व्हाइट ब्रेड, मैदा, व्हाइट चीनी, पास्ता या मैदे से बने अन्य फास्ट फूड में रैसेदार और पौष्टिक भागों को हटा दिया जाता है। इसलिए ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए या सप्ताह में अधिक से अधिक एक बार से ज्यादा न करें।

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Treatment for Diabetes in hindi

डायबिटीज रोग में क्या नहीं खाना चाहिए (Diabetes mein kya nahi khana chahiye)

  • आलू व शकरकंद का सेवन नहीं करना चाहिए किसी प्रकार के मीठे फल नहीं खाने चाहिए।
  • चीनी,शक्कर,गुड,मिठाइयां,गन्ने का रस,चॉकलेट इनका उपयोग बिल्कुल ना करें।
  • फलो में आम,केला,लीची,अंगूर,तरबूज,खरबूजा,इस प्रकार के मीठे फल नहीं खाने चाहिए।

FAQ

Q  1. शुगर बढ़ जाए तो क्या करना चाहिए?

Ans  मधुमेह की बीमारी में बहुत से ऐसे घरेलू उपचार (Treatment for diabetes) है जिनको आजमा कर शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है जैसे करेले का जूस, मेथी दाना, आँवला, दालचीनी, आंवला एलोवेरा जूस, जामुन की गुठली का पाउडर, ग्रीन टी, अलसी का सेवन आदि ऐसे घरेलू खाद्य पदार्थ होते हैं जो इस बीमारी में सहायक होते हैं।

Q  2. खाली पेट शुगर कितनी होनी चाहिए?

Ans  सुबह खाली पेट अगर नॉर्मल शुगर की बात की जाए तो आमतौर पर इसकी मात्रा 70 से 110 के बीच होती है। और खाना खाने के 30 मिनिट बाद यह बढ़कर 110 से 140 तक हो जाती है।

Q  3. क्या शुगर हमेशा के लिए ठीक हो सकती है?

Ans अगर किसी को डायबिटीज हो जाए तो इससे बचने के लिए अपनी जीवनशैली और नियमित आहार की कुछ आदतों में बदलाव करके इसको नियंत्रण किया जा सकता है। इसके अलावा शुगर की बीमारी के इलाज (Treatment for diabetes) में शरीर को एक्टिव रखना आवश्यक होता है। इसके लिए नियमित योग, व्यायाम, शारीरिक एक्टिविटी, मॉर्निंग वॉक, साइक्लिंग आदि, नियमित करने से लाभ मिलता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस आर्टिकल में हमने जाना डायबिटीज क्या है, इसके लक्षण और डायबिटीज का घरेलु उपाय (Treatment for diabetes) तथा डायबिटीज में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए और टाइप २ डायबिटीज को नियंत्रित करने के घरेलु उपाय कौन कौन से है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो कमेंट में लिख सकते है।

इस आर्टिकल में दी गई स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी सुझाव को आजमाने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर करें सुरक्षित रहें स्वस्थ रहें।

आपको हमारा ये आर्टिकल डाइबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार Treatment for diabetes in hindi कैसा लगा Comments करके हमें जरुर बताएं व पोस्ट को शेयर भी करें।

-: इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद  :-

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