हार्ट पेसेंट के लिए डाइट प्लान (Diet for Heart patients in hindi)
आज के समय में दिल की बीमारी (Heart disease) आम हो गई है। ज्यादा उम्र वालों के साथ साथ इस बीमारी की चपेट में युवा भी बहुत आने लगे हैं। हृदय रोग में डाइट प्लान (Diet for Heart patients) और जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन करके हृदय रोगो के खतरे को कम किया जा सकता है। इसलिए इस रोग से बचने के लिए हृदय रोग में डाइट प्लान के बारे में हर किसी को मालूम होना जरूरी है।
इस आर्टिकल हृदय रोग में डाइट प्लान (Diet for Heart patients) में जानते हैं। हृदय रोगियों को अपनी नियमित डाइट में किन-किन चीजों का उपयोग करना चाहिए जिनसे हृदय रोगों से बचने के साथ साथ स्वस्थ भी रह सकें। आइए जानते हैं हृदय रोग में आहार चार्ट | Heart disease diet plan |in hindi
हृदय रोग में आहार चार्ट | Heart disease diet plan |in hindi
यह रोग एक चिंताजनक बीमारी है। हार्ट के रोगी को इस बात की हमेशा चिंता रहती है। कि क्या खाएं और क्या न खाएं, बीमारी को बढ़ने से कैसे रोके? ऐसे बहुत से विचार रोगी के मन में चलते रहते हैं।
क्योंकि हार्ट रोग और हृदय से जुड़ी तमाम बीमारियां अस्वस्थ जीवन शैली, अनियमित खानपान, धूम्रपान और पौष्टिक आहार का सेवन न करने व गैस्टिक समस्याओं के कारण उत्पन्न होती है। आपने अक्सर देखा होगा कि डॉक्टर हार्ट रोगी को हमेशा खानपान या हृदय रोग में डाइट (Diet for Heart patients in hindi) का विशेष ख्याल रखने की सलाह देते हैं क्योंकि हृदय रोग में डाइट प्लान का प्लान करके इस रोग को काफी नियंत्रित किया जा सकता है।
हार्ट रोग क्या है : what is heart disease in hindi
हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं परंतु जिसे आम हार्ट डिजीज (Heart disease) कहा जाता है। उससे अभिप्राय हैं कि आई. एच. डी. या कॉरोनरी हार्ट डिजीज, जिसके अंतर्गत आते हैं एन्जाइना और हार्ट अटैक।
इसके अलावा हार्ट की अन्य बीमारियां आती है वो है हार्ट के पैदाइशी डिफेक्ट्स हार्ट वाल्व की बीमारियां जो बचपन में शुरू होती है, हार्ट की मांसपेशियों की बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर तथा हार्ट का पंप फेल हो जाना आदि।
Table of Contents
- 1 हृदय रोग में आहार चार्ट | Heart disease diet plan |in hindi
- 1.1 हार्ट रोग क्या है : what is heart disease in hindi
- 1.2 कोलेस्ट्रोल कंट्रोल कैसे करें : How to Reduce cholesterol in hindi
- 1.3 हृदय रोग में डाइट चार्ट : Best Diet for Heart patients in hindi
- 1.4 हृदय रोग में क्या खाएं (what to eat in heart disease in hindi)
- 1.5 हृदय रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए (what not to eat in heart disease in hindi)
- 1.6 दिल के रोगी की जीवन शैली
- 1.7 FAQ
- 1.8 Q 1. ह्रदय का मुख्य कार्य क्या होता है?
- 1.9 Q 2. हार्ट को स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है?
- 1.10 Q 3. क्या सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट रोग से संबंधित होता है?
- 1.11 Q 4. हार्ट रोगों से बचने के लिए चेकअप कब करवाना चाहिए?
हार्ट रोग जिसमें ह्रदय या रक्त वाहिकाओं में समस्याएं या ब्लड में रूकावट होने लगती है डायबिटीज के रोगियों में दिल के रोग का खतरा अधिक रहता है।
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कोलेस्ट्रोल कंट्रोल कैसे करें : How to Reduce cholesterol in hindi
जितनी गंभीर यह समस्या है। उसी के आधार पर खान-पान (Diet for Heart patients) भी होना जरूरी होता है। नियंत्रित खाद्य पदार्थों के सेवन से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल का स्तर नियंत्रित रहता है। कैलोरी, वसा, कोलेस्ट्रोल, सोडियम इन सब की मात्रा को निर्धारित करके हार्ट रोग को कम किया जा सकता है।
इसलिए हार्ट रोगियों को अपनी नियमित आहार का हृदय रोग में डाइट चार्ट (Diet for Heart patients) अवश्य बनाना चाहिए। जिसको फॉलो करके ह्रदय के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल व डायबिटीज जैसी बीमारियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
हृदय रोग में डाइट चार्ट : Best Diet for Heart patients in hindi
इस Diet for Heart patients का पालन करने से ना सिर्फ दिल के रोगों से बच सकते हैं बल्कि शरीर को स्वस्थ व अनेक बीमारियों से भी बचा सकते हैं।
दिल के रोगी को हमेशा पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करना लाभदायक होता है ऐसे रोगी को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जिनके सेवन से गैस्टिक समस्याएं उत्पन्न होती हो क्योंकि गैस दिल के रोगी के लिए बहुत हानिकारक होती है। दिल के रोगी के लिए संतुलित आहार है जैसे
सुबह 6 बजे = दिल के मरीज को सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने जल में आधा नींबू का रस मिलाकर सेवन करना चाहिए।
नींबू पानी से एक घंटा बाद एक गिलास मिलाई रहित दूध में चीनी या शक्कर डालकर पीना चाहिए। अगर ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल करना चाहे तो दूध के साथ कर सकते हैं। नहीं तो कोई एक फ्रूट भी खा सकते हैं।
सुबह 9 बजे = सुबह 9 बजे के लगभग अंकुरित अनाज का सेवन करना लाभदायक होता है। और एक कटोरी दलिए का सेवन भी कर सकते है।
दोपहर 12 बजे = दोपहर के भोजन में चोकर युक्त दो चपाती, एक कटोरी छिलके वाली दाल, एक छोटी कटोरी चावल, हरी सब्जी, दही या छाछ और सलाद का सेवन करना चाहिए।
दोपहर 3 बजे = एक कप चाय और बिस्किट या मूंगफली आदि चाय के साथ खा सकते हैं।
शाम 6 बजे = कोई भी एक फल मौसम के अनुसार खा सकते हैं। जो आपको अच्छा लगता हो।
रात 8 बजे = रात का भोजन हल्का और आराम से पचने वाला होना चाहिए और भोजन से पहले सलाद व फल का सेवन करें उसके बाद आपके शरीर के सामर्थ्य अनुसार हल्का भोजन करें।
रात को सोने से पहले बिना मलाई वाला एक गिलास दूध या कोई भी फल का ज्यूस आदि का सेवन करना फायदेमंद होता है।

हृदय रोग में क्या खाएं (what to eat in heart disease in hindi)
हार्ट के रोगी को पोषक तत्वों युक्त भोजन व सात्विक आहार का सेवन करना दिल को स्वस्थ बनाने में मददगार होता है। इसके अलावा कुछ मुख्य आहार है जैसे
- चोकर युक्त अनाज जौ, गेहूं ज्वार, बाजरा आदि का सेवन करना चाहिए
- हार्ट के रोगी को सेव व आंवले के मुरब्बे का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि इन्हें दिल के लिए अच्छा माना गया है। इसके अलावा लहसुन का भी नियमित सेवन करना उपयोगी होता है।
- दालों में मूंग, अरहर, मसूर, सोयाबीन और मटर का सेवन करना चाहिए
- दिल के रोगी को सब्जियों में लौकी, परवल, करेला, तोरई, टिंडों, टमाटर, पालक, ब्रोकली, हरा धनिया, मेथी, गाजर, लहसुन, शिमला मिर्च आदि का सेवन करना लाभदायक होता है।
- फलों में सेव, स्ट्रॉबेरी, काला अंगूर, अमरूद, पपीता, नाशपाती, केला, आलूबुखारा, अनार आदि फलों का सेवन करना चाहिए
- सूखे मेवों में अखरोट, चैरी, बादाम, अंजीर, ब्लूबेरी, क्रेनबेरी आदि का सेवन करना चाहिए
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हृदय रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए (what not to eat in heart disease in hindi)
दिल के रोगी को ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए जिनमें प्रोटीन और फैट अधिक मात्रा में पाए जाते हो और जो डाइजेशन में ज्यादा समय लेते हो जैसे
- मैदा व चावल और इन से बनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
- दाल में उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए
- दिल के रोगी को सब्जियों में बैंगन, शकरकंद, कटहल, अरबी, बथुआ, चौलाई, सिंघाड़ा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- हार्ट के रोगी को समुंद्री नमक, पैकेट फूड, अंडा, फास्ट फूड, जंक फूड, ज्यादा मिर्च मसाले, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, मांसाहार, अल्कोहल, ज्यादा तेल या तैलीय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
दिल के रोगी की जीवन शैली
हार्ट रोगियों को स्वस्थ रहने और दिल रोगों से बचने के लिए खानपान (Diet for Heart patients) के साथ अपनी दैनिक जीवन शैली में कुछ आवश्यक बदलाव अवश्य करने चाहिए जैसे
- ध्यान, योग व प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
- नियमित 7 से 8 घंटे पर्याप्त नींद अवश्य लेनी चाहिए
- अत्यधिक तनाव व चिंता से मुक्त रहना चाहिए
- धूम्रपान अल्कोहल आदि नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
- दिन और रात का भोजन समय पर करना चाहिए
- भोजन करने के बाद नियमित कुछ कदम अवश्य चलना चाहिए
- घर में बना ताजा भोजन व हल्का गर्म भोजन करना चाहिए
- भोजन चबा चबा कर व धीरे-धीरे करें
- सुबह जल्दी उठने को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
FAQ
Q 1. ह्रदय का मुख्य कार्य क्या होता है?
Ans – यह शरीर का ऐसा अंग है जो रक्त को पम्पिंग कर पूरे शरीर में रक्त संचार करता है। हार्ट में चार ब्लॉक (Chamber) होते हैं और इनके बीच में वाल्व होते हैं। इनकी मदद से ही हार्ट पम्पिंग करके शुद्ध ब्लड शरीर में पहुंचाता है और हमारे शरीर को एक्टिव रखने का कार्य करता है।
Q 2. हार्ट को स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है?
Ans – दिल को स्वस्थ रखने के लिए तनाव मुक्त रहना और धूम्रपान व अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही डायबिटीज, बीपी, कोलेस्ट्रोल और वजन को नियंत्रित रखें। फास्ट फूड, जंक फूड, नमक, शक्कर, घी आदि का सेवन कम मात्रा में करें व नियमित योग, व्यायाम व शारीरिक एक्टिविटी करने से भी दिल स्वस्थ रहता है।
Q 3. क्या सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट रोग से संबंधित होता है?
Ans – सीने के सभी दर्द हार्ट रोग के संकेत नहीं होते हैं। अगर छाती में दर्द के साथ-साथ बांहों व कन्धों, कमर के ऊपरी हिस्से, जबड़े, गर्दन आदि में दर्द हो और सांस लेने में परेशानी व घबराहट हो तो यह लक्षण हार्ट संबंधी समस्याओं के हो सकते हैं।
Q 4. हार्ट रोगों से बचने के लिए चेकअप कब करवाना चाहिए?
Ans – आजकल हार्ट का चेकअप 35 वर्ष से अधिक आयु में या जिन्हें उच्च कोलेस्ट्रोल, हाई या लो बीपी, मोटापा, मधुमेह या इस बीमारी का परिवारिक इतिहास हो उनको नियमित हार्ट संबंधी जांच अवश्य करवानी चाहिए।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने जाना ह्रदय रोग क्या है इस के लक्षण व हार्ट रोग कितने प्रकार का होता है हृदय रोग में डाइट प्लान (Diet for Heart patients) तथा क्या खाने से इस रोग से बचा जा सकता है। इस लेख बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो आप हमे पूछ सकते है।
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इस आर्टिकल में लिखी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है अतः किसी भी सुझाव को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेवें।
-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-
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